इसके साथ ही ग्रोवर ने कहा कि प्रदेश में इस साल के गन्ना मौसम में शुगर मिलों में पांच करोड क्विंटल गन्ने की पिराई कर इतिहास बनाया गया है। यह काम तो तब किया गया है जबकि प्रदेश की शुगर मिलों की पिराई क्षमता कम है। शुगर मिलों को 30 दिन पहले चलाकर 15 दिन पहले बंद कर दिया गया। गन्ना किसानों का शुगर मिलों पर 110 करोड रुपए बकाया है और इनका भुगतान जल्दी किया जाएगा। पिछले सप्ताह ही 200 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया था। हरियाणा में देश में सबसे अधिक 330 रुपए प्रति क्विंटल गन्ना मूल्य दिया गया है।
उन्होंने बताया कि करीब 1100 करोड रुपए की लागत से प्रदेश की दस शुगर मिलों की क्षमता बढाने की योजना है। इस योजना के तहत सोनीपत, पानीपत, शाहबाद और हैफेड शुगर मिलों की क्षमता बढाई जाएगी। ग्रोवर ने बताया कि सरकार का प्रयास यह रहता है कि गन्ना पिराई जल्दी और तेजी से करते हुए किसान का खेत जल्दी खाली करवाया जाए। जल्दी पिराई होने से शुगर भी अच्छी मात्रा में निकलती है। ग्रोवर ने कहा कि शुगर मिलों की क्षमता बढाने के साथ ही डेयरी उद्योग को भी मजबूत किया जा रहा है। डेयरी उद्योग के आधुनिकीकरण के लिए 54 करोड रुपए लागत की योजना बनाई गई है। जींद में पांच हजार लीटर क्षमता की दही इकाई स्थापित की गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में दूध संग्रह बढा है। जहां वर्ष 2014-15 में यह 4.3 लाख लीटर था वहीं 2017-18 में 5.6 लाख लीटर पर पहुंच गया है। सप्ताह में तीन दिन प्रदेश के 15.22 लाख स्कूली बच्चों को मुफ्त दूध वितरण किया जा रहा है।