इस पूरे घटनाक्रम में एक पति ने अपनी पत्नी के चरित्र पर शक कर उसकी हत्या करके कुछ पलों में अपना हंसता-खेलता परिवार उजाड़ लिया। पत्नी की मौत के आरोप में पति को सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर इन तीन छोटे बच्चों का क्या कसूर था। जिन्होंने अब तक पूरी तरह अपनी मां को भी नहीं जाना था। हत्यारे बाप ने तीनों बच्चों के सिर से मां का साया छीन लिया।
गौरतलब है कि पंजाबी चौक स्थित रामदासिया मौहल्ला नरवाना निवासी पिंकी की शादी लौन गांव निवासी सेवाराम पुत्र दयाल सिंह के साथ वर्ष 2005 में हुई थी। दोनों को तीन लड़के थे। जिसमें सबसे बड़ा लड़का आठ वर्षीय सुखविंद्र, 6 वर्षीय अंकित और 4 वर्षीय अंकुश है। सेवाराम शुरू से ही शराबी प्रवृति का था और ऑटो में सब्जी बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। करीब दो साल पहले सेवाराम की सड़क दुर्घटना में टांग टूट गई थी और तब से सेवाराम की पत्नी पिंकी ही मजदूरी करके परिवार का पेट भरती थी। घर का पूरा खर्चा स्वयं पिंकी चलाती थी। सेवाराम पिछले लगभग डेढ़ साल बिस्तर पर था और टांग के आप्रेशन के बाद चलने-फिरने लग गया था। पिछले एक हफते से पति-पत्नी में छोटी-छोटी बातों पर तकरार हो जाती थी लेकिन क्या पता था कि इन छोटी-छोटी बातों के पिछे एक हत्यारे पति की मंशा कुछ ओर ही थी। आस-पास के लोगों ने बताया कि पिंकी ही खेतों में काम करके अपने परिवार का पालन-पोषण कर रही थी। लोगों ने बताया कि पिंकी के जेठ को कोई पुत्र नही था जिसके चलते अंकित को गोद दिया गया था।
सुसाइड कोशिश के बाद भी हत्यारे पति को नही मिली मौत –
बेरहम पति ने अपनी पत्नी की हत्या कर इंसानियत को शर्मसार कर दिया वही बेरहम पति ने अपनी पत्नी की हत्या करने के बाद सुसाइड करने की भी कोशिश की थी लेकिन उसे मौत भी नसीब नहीं हुई और भगवान ने उसको अपनी गलती का अहसास कराने के लिए तड़पने के लिए छोड़ दिया। उसने सुसाइड करने की कोशिश की। सबसे पहले सेवाराम ने अपने घर पर ही बिजली की तारों को छुआ लेकिन झटके के कारण वह बच गया। बाद में सेवाराम ने घर से कुछ दूरी पर स्थित ट्रासफार्मर की तारों को छुआ तो बिजली के झटके ने सेवाराम को कुछ दूर फेंक दिया। सेवाराम ने चार बार ट्रांसफार्मर की तारों को छूआ लेकिन हर बार झटके के साथ दूर फेंक दिया। पांच बार सुसाइड करने के बाद भी सेवाराम को मौत नसीब नहीं हुई लेकिन सुसाईड कोशिश के दौरान सेवाराम की टांग दोबारा टूट गई और कुल्हे में भी फ्रेक्चर हो गया। बिजली की तार छूने के कारण सेवाराम के हाथ भी जले हुए थे।