जींद

पीजीटी संस्कृत टीचरों के मुद्दे न पकड़ा तूल

ज्वाइनिंग न मिलने के विरोध में अनशन पर बैठे टीचरों की बिगड़ी हालत

जींदMar 18, 2020 / 05:37 pm

Chandra Prakash sain

टीचर

चंडीगढ़. ज्वाइनिंग से महरूम सैंकड़ों पीजीटी संस्कृत टीचरों का मुद्दा लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। नियुक्ति पत्र न मिलने के विरोध में अनशन पर बैठे टीचरों की हालत बिगड़ने लगी है। उल्लेखनीय है कि इसी मुद्दे को हाल में इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने उठाते हुए मुख्यमंत्री मनोहरलाल को एक पत्र भी लिखा था।
इधर, आंदोलनकारी टीचरों को दूसरे कर्मचारी संगठनों का समर्थन भी मिल गया है। हरियाणा में कर्मचारियों के एक बड़े वर्ग की अगुवाई कर रहे सर्वकर्मचारी संघ ने पीजीटी संक्कृत टीचरों के आंदोलन को समर्थन दे दिया है।
ये टीचर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा 1 जनवरी,2019 को 523 पीजीटी संस्कृत टीचरों के अंतिम परिणाम धोषित होने के बावजूद शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्ति पत्र न देने के खिलाफ पंचकूला में शिक्षा सदन के सामने आमरण अनशन पर पिछले चार दिन से बैठे हुए हैं। इनमें से कुछ टीचरों की हालत खराब होने के दावे किए जा रहे हैं।
इन टीचरों का आरोप है कि शिक्षा विभाग और सरकार ने अपनी अत्यंत जायज मांग को आमरण अनशन पर बैठे टीचरों से बातचीत तक करना जरूरी नहीं समझा। जिसको लेकर नव चयनित पीजीटी संस्कृत टीचरों व उनके परीजनों मे भारी आक्रोश बढता जा रहा है। आमरण अनशन पर बैठे नरेंद्र कौशिक, कुलदीप (फतेहाबाद ), रीटा (रेवाड़ी), मंजेश (रोहतक) , सीमा (हिसार) , गीता (सोनीपत) ऐसे कई और शिक्षक हैं, जो अपनी जॉइनिंग के लिए आमरण अनशन पर बैठे है।
दूसरी तरफ सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने आमरण अनशन पर बैठे नव चयनित पीजीटी संस्कृत टीचरों की ज्वानिंग व आमरण अनशन की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी की अगर आमरण अनशन पर बैठे टीचरों के साथ कोई अनहोनी घटना घट गई तो पुरे प्रदेश के सभी विभागों के कर्मचारी सड़कों पर उतर कर काम काज ठप्प करने पर मजबूर होंगे। उन्होंने सरकार से तुरंत प्रभाव से नियुक्ति पत्र देकर आमरण अनशन समाप्त करवाने की मांग की।
उन्होंने बताया कि बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि एक तरफ जहां हरियाणा सरकार संस्कृत के नाम पर शिक्षा को बढ़ावा देने के नाम पर समाज को भ्रमित कर रही है। वहीं दूसरी ओर 1 जनवरी 2019 को फाइनल रिजल्ट आने के बाद भी पीजीटी संस्कृत के टीचर अपनी जॉइनिंग के लिए शिक्षा सदन के पास आमरण अनशन करना पड़ रहा है। और सरकार तानाशाही का परिचय देते हुए इनसे बात करने के लिए भी तैयार नहीं है।
एक तरफ जहां गीता का प्रचार प्रसार पूरे देश और प्रदेशों में सरकार कर रही है। वहीं दूसरी ओर गीता पढ़ाने वाले शिक्षकों का सरकार शोषण कर रही है। हरियाणा सरकार ने 2015 में पीजीटी संस्कृत विषय की 626 रिक्तियां निकाली थी 1 जनवरी 2019 को इन पदों पर 523 उम्मीदवारों का चयन किया गया। लेकिन आज तक इनको नियुक्ति पत्र नहीं दिए गए। 523 चयनित उम्मीदवारों में से 400 महिलाएं हैं। हरियाणा की यह बेटियां मजबूरीवश आज आमरण अनशन पर बैठी हुई है।

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