scriptरील लाइफ और रीयल लाइफ में फर्क होता है, हवालात में यह समझ आ गया | There is a difference between reel life and real life, it is understoo | Patrika News

रील लाइफ और रीयल लाइफ में फर्क होता है, हवालात में यह समझ आ गया

locationजींदPublished: Aug 22, 2020 04:28:43 pm

Submitted by:

Yogendra Yogi

(Haryana News) फिल्मों की रील लाइफ और रीयल लाइफ में (Reel life ) बड़ा फर्क होता है। (Filmy story ) लग्जरी लाइफ जीने के ख्वाब ने इन्हें कहीं का नहीं छोड़ा। ऐसी लाइफ के सपने तो हवा हुए उल्टे अब पुलिस की सख्ती और कैदियों जैसा जीवन (like a priosner) जीने को विवश होना पड़ेगा। अपराध के रास्ते पर (Entry in crime ) कदम रखने से पहले ऐसे नरक की इन दो युवतियों ने (Arrested 2 girls ) कभी कल्पना भी नहीं की होगी।

रील लाइफ और रीयल लाइफ में फर्क होता है, हवालात में यह समझ आ गया

रील लाइफ और रीयल लाइफ में फर्क होता है, हवालात में यह समझ आ गया

जींद(हरियाणा): (Haryana News) फिल्मों की रील लाइफ और रीयल लाइफ में (Reel life ) बड़ा फर्क होता है। फिल्मी कहानी (Filmy story ) की तरह जिंदगी लग्जरी लाइफ जीने के ख्वाब ने इन्हें कहीं का नहीं छोड़ा। ऐसी लाइफ के सपने तो हवा हुए उल्टे अब पुलिस की सख्ती और कैदियों जैसा जीवन (like a priosner)जीने को विवश होना पड़ेगा। अपराध के रास्ते पर (Entry in crime ) कदम रखने से पहले ऐसे नरक की इन दो युवतियों ने (Arrested 2 girls ) कभी कल्पना भी नहीं की होगी।

अपराध का रास्ता

बगैर मेहनत के शाही शौक का जीवन जीने के लिए अपराध का रास्ता चुनने वाली युवतियों ने ऐसा षडय़ंत्र रचा कि एक बार तो पुलिस भी उनके आपराधिक कृत्य की दास्तान सुन कर हैरत में पड़ गई। शक्ल-सूरत से मासूम दिखने वाली इन युवतियों ने अपराध जगत में पहला ही कदम रखा किन्तु नौसिखिया साबित हुई और पुलिस के जाल मेें फंस गई। महंगी लग्जरी कारों में घूमना, पार्टिंया और शॉपिंग करने का शौक ने इन दो युवतियों को पुलिस की सलाखों तक पहुंच दिया।

तीसरे की तलाश
अब दोनों महिलाओं को पकडऩे के बाद पुलिस उस व्यक्ति तक पहुंचने के प्रयास में है, जिसने दोनों महिलाओं को इस काम में लगाया। पुलिस को अंदेशा है कि वह व्यक्ति कई वारदातों को अंजाम दे चुका होगा। ऐसे में उस तक पहुंचने के लिए पुलिस प्रयास कर रही है। दोनों महिलाओं को अदालत से चार दिन के रिमांड पर लिया है, ताकि इस गिरोह के बड़े सरगना तक पहुंचा जा सके। गिरोह के सरगना को पकडऩे के लिए छापामारी की जा रही है। रिमांड के दौरान महिलाओं और गिरोह के बड़े सरगना ने कहां पर इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया है इसके बारे में पूछताछ की जाएगी।

ज्वेलर्स को डराया-धमकाया
जींद के सर्राफा बाजार के रवि ज्वेलर्स के संचालक रवि कुमार ने बताया कि दो युवतियां उनके शोरूम पर पहुंचीं। एक ने खुद को इनकम टैक्स विभाग का सहायक कमिश्नर और दूसरी ने इंस्पेक्टर बताया. दोनों ने उनसे कहा कि वे दिल्ली से आई हैं और उनकी शिकायत उनके पास पहुंची है। इस दौरान दोनों ने इनकम टैक्स विभाग का अपना आई कार्ड भी दिखाया। इसके बाद दोनों युवतियों ने अलमारी की तलाशी लेने की बात कही। दोनों ने शोरूम के शटर को बंद करवा दिया और दुकान में लगे सीसीटीवी को भी बंद करने के लिए कहा गया. दोनों अलमारी की तलाशी लेने लगीं और उसमें रखे कुछ गहनों के बारे में कहा कि इनका कोई रिकार्ड नहीं है। उसने आईटीआर भी नहीं भरी हुई। इस पर जुर्माना देना होगा।

समझौते से हुआ शक
एन 95 मास्क, हाथों में दस्ताने, अधिकारियों वाली वेशभूषा, रौबदार अंदाज, हाथ में ज्वेलर से संबंधित दस्तावेजों की फाइल व सर्च वारंट, विभागीय पहचान पत्र सब कुछ दोनों के पास था। दोनों ने शुरू में ज्वेलर पर काफी रौब झाड़ा। लेकिन उसके बाद दोनों फर्जी आयकर विभाग की अधिकारी इशारों में रुपये की बात करते हुए समझौते की प्रवृति पर उतर आए। कागजों की जांच के बाद दोनों ने ज्वेलर को 1 लाख 35 हजार रुपये जुर्माना और 13 गहनों को साथ लेकर जाने की बात कही। यहीं पर बात बिगड़ गई। जिससे वे शक के दायरे में आ गई और उनका भंडाफोड़ हो गया।

20 गाडिय़ों साथ लाईं
इस पर रवि कुमार को शक हुआ है कि ये युवतियां फर्जी इनकम टैक्स अधिकारी हो सकती हैं। उन्होंने अपने भाई को फोन किया और फिर पुलिस को भी इसकी सूचना दे दी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल मौके पर पहुंच कर दोनों को दबोच लिया। नकली आयकर अधिकारी बनकर आई दोनों महिलाएं दिल्ली से आई 20 गाड़ी में आई थीं। ठगी को अंजाम देकर वापस दिल्ली जाने की योजना थी, ताकि प्रशिक्षण देने वाले दोस्त के साथ जाकर पार्टी की जाए। गाडिय़ों में घूमने और मस्ती करने का दोनों महिलाओं का शौक है।

आयकर की छापा प्रणाली समझी
पुलिस से पूछताछ के बाद दोनों युवतियों ने जो राज उगला वह किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। दोनों महिलाएं पढ़ी-लिखी हैं और एक साल पहले तक दिल्ली के कॉल सेंटर में नौकरी करती थीं। नौकरी के दौरान ही दोनों दिल्ली निवासी एक दोस्त के संपर्क में आईं और दोनों ने कॉल सेंटर की नौकरी छोड़कर दोस्त से नकली अधिकारी बनकर ठगी करने का प्रशिक्षण एक वर्ष तक लिया। फर्जी आयकर अधिकारी स्वाति बीबीए पास है, जबकि उसकी सहेली श्वेता वर्मा बीए पास है। पंचकूला सेक्टर आठ से स्कूल की पढ़ाई करने वाली स्वाति ने सोनीपत के इंस्टीट्यूट से वर्ष 2017 में बीबीए की। बुरी संगत के चलते उसने घर को छोड़ दिया और दिल्ली के शाहदरा निवासी श्वेता वर्मा के पास रहने लगी। दोनों ने एक बीमा कंपनी में कार्य करना शुरू कर दिया। जिसके चलते उनके संपर्क में दिल्ली आयकर विभाग के कर्मचारी भी आए। बीमों के सिलसिले में कार्यालय के अंदर तक जाने लगी। जहां उनकी कार्य प्रणाली देखकर फर्जी आयकर अधिकारी बनकर मोटी फर्मों को टारगेट करने की योजना बनाई।

एक आरोपी इंजीनियर की बेटी
श्वेता ने लव मैरिज की थी। पति-पत्नी में विवाद रहने के कारण उसका तलाक हो गया। तलाक के बाद नौकरी शुरू की और वहां पर इन दोनों की दोस्ती हुई। इसके बाद यह अपने दिल्ली के एक दोस्त से मिली, जो इन्हें नकली अधिकारी बनकर लोगों को ठगने के बारे में बताया। स्वाति मूल रू प से निर्जन गांव की रहने वाली है। उसके पिता बिजली निगम में जेई हैं। फिलहाल उनका परिवार कैथल में रहता है। ऐसे में स्वाति जींद से भलीभांति परिचित थी। स्वाति ने ही श्वेता को बताया कि जींद में व्यापारियों को डराना आसान रहेगा। इसके बाद जींद में रेड की। दोनों महिलाओं ने योजना बनाई थी कि वे छोटी व खाली दुकान को निशाना बनाएंगी। ऐसी दुकान का मालिक जल्दी डर जाएगा और पैसे व जेवर आसानी से मिल जाएंगे। योजना के अनुसार ही रवि की दुकान को निशाना बनाया गया। जिस समय महिलाओं ने यहां जांच शुरू की, दुकान पर सिर्फ एक ही व्यक्ति था। ठगी के लिए शातिराना अंदाज में इतनी कवायद करने के बावजूद युवतियों पकड़ी गई।

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