DMRC में रिक्त पदों का विवरण:
कंसल्टेंट- 20 पद
शैक्षणिक योग्यता:
स्टेनोग्राफर कैडर में रिटायर्ड पर्सनल सेक्रेटरी/पर्सनल असिस्टेंट होना आवश्यक है।
आयु सीमा:
उम्मीदवार की आयु 58 से 62 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
चयन प्रक्रिया:
उम्मीदवारों का चयन इंटरव्यू एवं स्किल टेस्ट में उनके प्रदर्शन के आधार पर किया जायेगा।
कंसल्टेंट- 20 पद
शैक्षणिक योग्यता:
स्टेनोग्राफर कैडर में रिटायर्ड पर्सनल सेक्रेटरी/पर्सनल असिस्टेंट होना आवश्यक है।
आयु सीमा:
उम्मीदवार की आयु 58 से 62 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
चयन प्रक्रिया:
उम्मीदवारों का चयन इंटरव्यू एवं स्किल टेस्ट में उनके प्रदर्शन के आधार पर किया जायेगा।
आवेदन कैसे करें:
योग्य उम्मीदवार दिए गये प्रारूप के तहत आवश्यक दस्तावेजों के साथ 28 फरवरी 2018 तक आवेदन कर सकते हैं। अधिसूचना विवरण:
विज्ञापन संख्या- DMRC/PERS/22/HR/2018 (124)
महत्वपूर्ण तिथिः
आवेदन की अंतिम तिथि- 28 फरवरी 2018
ऑफिशियल वेबसाइट पर शोर्टलिस्टेड उम्मीदवार की लिस्ट जारी करने की तिथि- 09 मार्च 2018
इंटरव्यू की संभावित तिथि- मार्च महीने के चौथे सप्ताह।
योग्य उम्मीदवार दिए गये प्रारूप के तहत आवश्यक दस्तावेजों के साथ 28 फरवरी 2018 तक आवेदन कर सकते हैं। अधिसूचना विवरण:
विज्ञापन संख्या- DMRC/PERS/22/HR/2018 (124)
महत्वपूर्ण तिथिः
आवेदन की अंतिम तिथि- 28 फरवरी 2018
ऑफिशियल वेबसाइट पर शोर्टलिस्टेड उम्मीदवार की लिस्ट जारी करने की तिथि- 09 मार्च 2018
इंटरव्यू की संभावित तिथि- मार्च महीने के चौथे सप्ताह।
DMRC recruitment 2018, दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (DMRC) ने कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर कंसल्टेंट के 20 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए विस्तृत अधिसूचना यहां क्लिक करें। परिचयः दिल्ली मेट्रो रेल भारत की राजधानी दिल्ली की मेट्रो रेल परिवहन व्यवस्था है जो दिल्ली मेट्रो रेल निगम लिमिटेड द्वारा संचालित है। इसका शुभारंभ 24 दिसंबर, 2002 को शहादरा तीस हजारी लाईन से हुई। इस परिवहन व्यवस्था की अधिकतम गति 80 किमी/घंटा (50 मील/घंटा) रखी गयी है और यह हर स्टेशन पर लगभग 20 सेकेंड रुकती है। सभी ट्रेनों का निर्माण दक्षिण कोरिया की कंपनी रोटेम (ROTEM) द्वारा किया गया है। दिल्ली की परिवहन व्यवस्था में मेट्रो रेल एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इससे पहले परिवहन का ज्यादतर बोझ सड़क पर था। प्रारंभिक अवस्था में इसकी योजना छह मार्गों पर चलने की थी जो दिल्ली के ज्यादातर हिस्से को जोड़ते थे। इस प्रारंभिक चरण को 2006 में पूरा किय़ा गया। बाद में इसका विस्तार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से सटे शहरों गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुड़गाँव और नोएडा तक किया गया। इस परिवहन व्यवस्था की सफलता से प्रभावित होकर भारत के दूसरे राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश एवं महाराष्ट्र में भी इसे चलाने की योजनाएं बन रही हैं। दिल्ली मेट्रो रेल व्यव्स्था अपने शुरुआती दौर से ही ISO 14001 प्रमाण-पत्र अर्जित करने में सफल रही है जो सुरक्षा और पर्यावरण की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है।
सितंबर 2011 में संयुक्त राष्ट्र ने “स्वच्छ विकास तंत्र” योजना के तहत हरित गृह गैसों में कमी लाने के लिए दिल्ली मेट्रो को दुनिया का पहला “कार्बन क्रेडिट” दिया जिसके अंतर्गत उसे सात सालों के लिए 95 लाख डॉलर मिलेंगे।