अरुण जेटली उत्तर प्रदेश के कोटे से जाएंगे राज्यसभा भारतीय जनता पार्टी के लिये बेहद अहम राज्यसभा चुनाव के लिये उम्मीदवार के तौर पर केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली के नाम पर विचार किये जाने की संभावना है। अरुण जेटली अभी राज्यसभा में गुजरात का प्रतिनिधित्व करते हैं। अरुण जेटली का राज्यसभा में कार्यकाल 2 अप्रैल को खत्म हो रहा है। जानकारी के मुताबिक राज्यसभा में अगला कार्यकाल उन्हें उत्तर प्रदेश के कोटे से मिलने वाला है। अरुण जेटली के अलावा एक दूसरे केन्द्रीय मंत्री अल्फांसो का नाम भी आगे चल रहा है।
इनके नामों पर भी चर्चा बीजेपी के कई दूसरे राष्ट्रीय पदाधिकारियों का नाम भी राज्यसभा चुनाव के लिए चल रहे हैं। इनमें राष्ट्रीय महासचिव फिरोजाबाद के अनिल जैन, मिर्जापुर के अरुण सिंह और जौनपुर के विजय सोनकर के नाम शामिल हैं। किसान नेता विजय पाल सिंह तोमर, राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी का नाम भी चर्चा में चल रहा है। प्रदेश की 8 राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव में भाजपा की ओर से महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने के लिए प्रदेश प्रवक्ता अनिला सिंह का नाम भी उम्मीदवार के रूप में चल रहा है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी और एमएलसी का पद छोड़कर भाजपा में आए अशोक बाजपेई के नामों की भी चर्चा है। नामों की दौड़ में गुजरात राज्य के प्रभारी और राष्ट्रीय महामंत्री भूपेन्द्र यादव व पूर्वोत्तर राज्यों में भाजपा को जीत दिलाने वाले राष्ट्रीय मंत्री राम माधव का नाम भी शामिल हैं। इसके यह साथ ही यह देखना भी दिलचस्प होगा कि विवादित बयानों के कारण मशहूर फायर ब्रांड नेता विनय कटियार को भाजपा राज्यसभा के लिये फिर से मौका देती है कि नहीं।
8 सीटों पर बीजेपी की जीत पक्की यूपी में राज्यसभा की जिन 10 सीटों के लिए चुनाव होने हैं। उनपर अब तक सपा, बसपा और कांग्रेस का कब्जा था। लेकिन इस बार बीजेपी की 10 में से 8 सीटें पक्की हैं। मौजूदा विधायकों की संख्या को देखते हुए बीजेपी बिना किसी परेशानी के 8 सीटें आराम से जीतेगी। वहीं एक सीट सपा के कब्जे में जाएगी। जबकि बची हुई एक राज्यसभा सीट को अपने खाते में करने के लिए बीजेपी को केवल 9 वोटों की जरूरत होगी। ऐसे में इस एक सीट के लिए जोड़तोड़ होने की पूरी उम्मीद है। इस सीट के लिए क्रास वोटिंग भी हो सकती है।
जरूरत पड़ी तो 23 मार्च को चुनाव 2 अप्रैल को खाली हो रही उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख 12 मार्च है। जबकि उम्मीदवारों के नाम नापस लेने की आखिरी तारीख 15 मार्च है। वहीं सभी नामांकन पत्रों की जांच के बाद अगर जरूरी हुआ तो 23 मार्च को चुनाव कराया जाएगा। अगर वोटिंग की नौबत आई तो एक सीट के लिए प्रथम वरियता के लिए 37 विधायकों का वोट चाहिए होगा।
राज्यसभा का गणित उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 403 विधायक हैं। बीजेपी विधायक लोकेंद्र सिंह की मार्ग दुर्घटना में मृत्यु के चलते 402 विधायक बचे हैं जो इस चुनाव में वोट डाल सकेंगे। जो प्रक्रिया है उसके मुताबिक एक सीट जीतने के लिए प्रथम वरीयता के 37 वोट चाहिए। सहयोगियों सहित 324 विधायकों के साथ बीजेपी 8 सीटें आसानी से जीत जाएगी। वहीं एक सीट सपा हासिल कर लेगी। इसके अलावा अगर पूरा विपक्ष एक हो जाए तो 36 वोट दूसरी सीट के लिए जुटाए जा सकेंगे। अब देखने की बात है कि इस गणित में कौन सफल होता है।