इंडिया पोस्ट, लखनऊ में रिक्त पदाें का विवरणः स्टाफ कार ड्राईवर: 19 पद
India post Driver recruitment 2018 के लिए पात्रता मानदंड व शैक्षिक योग्यता: उम्मीदवारों को मान्यता प्राप्त बोर्ड या संस्थान से 10वीं कक्षा पास होना चाहिए साथ ही शैक्षिक योग्यता से सम्बंधित विस्तृत जानकारी के लिए अधिसूचना को देखें।
India post Driver recruitment 2018 के लिए पात्रता मानदंड व शैक्षिक योग्यता: उम्मीदवारों को मान्यता प्राप्त बोर्ड या संस्थान से 10वीं कक्षा पास होना चाहिए साथ ही शैक्षिक योग्यता से सम्बंधित विस्तृत जानकारी के लिए अधिसूचना को देखें।
आयु सीमा: 56 वर्ष से कम
आवेदन कैसे करें: इन पदों के लिए योग्य उम्मीदवार निर्धारित प्रारूप के माध्यम से तैयार अपने आवेदन को अन्य आवश्यक दस्तावेजों के साथ 12 मार्च 2018 तक इस पते पर भेज सकते हैं-असिस्टेंट डायरेक्टर (रिक्रूटमेंट), ऑफिस चीफ पोस्टमास्टर जनरल, यूपी सर्कल, हजरतगंज, लखनऊ- 226001।
महत्वपूर्ण तिथि:
आवेदन की अंतिम तिथि: 12 मार्च 2018 India post staff car Driver recruitment notification 2018: इंडिया पोस्ट, लखनऊ ने स्टाफ कार ड्राईवर के रिक्त 19 पदों पर भर्ती के लिए विस्तृत अधिसूचना यहां क्लिक करें।
आवेदन की अंतिम तिथि: 12 मार्च 2018 India post staff car Driver recruitment notification 2018: इंडिया पोस्ट, लखनऊ ने स्टाफ कार ड्राईवर के रिक्त 19 पदों पर भर्ती के लिए विस्तृत अधिसूचना यहां क्लिक करें।
परिचयः भारतीय डाक सेवा ( India Post ) भारत सरकार द्वारा संचालित डाकसेवा है जो ब्रांड नाम के तौर पर इंडिया पोस्ट या भारतीय डाक के नाम से काम करती है। सैकड़ों साल से जारी सफर-
भारतीय डाक प्रणाली का जो उन्नत और परिष्कृत स्वरूप आज हमारे सामने है, वह हजारों सालों के लंबे सफर की देन है। अंग्रेजों ने डेढ़ सौ साल पहले अलग-अलग हिस्सों में अपने तरीके से चल रही डाक व्यवस्था को एक सूत्र में पिरोने की जो पहल की, उसने भारतीय डाक को एक नया रूप और रंग दिया। पर अंग्रेजों की डाक प्रणाली उनके सामरिक और व्यापारिक हितों पर केंद्रित थी। भारत की आजादी के बाद हमारी डाक प्रणाली को आम आदमी की जरूरतों को केंद्र में रख कर विकसित करने का नया दौर शुरू हुआ। नियोजित विकास प्रक्रिया ने ही भारतीय डाक को दुनिया की सबसे बड़ी और बेहतरीन डाक प्रणाली बनाया है। राष्ट्र निर्माण में भी डाक विभाग ने ऐतिहासिक भूमिका निभाई है और इसकी उपयोगिता लगातार बनी हुई है। आम आदमी डाकघरों और पोस्टमैन पर अगाध भरोसा करता है। तमाम उतार-चढ़ाव के बावजूद इतना जन विश्वास कोई और संस्था नहीं अर्जित कर सकी है। यह स्थिति कुछ सालों में नहीं बनी है। इसके पीछे बरसों का श्रम और सेवा छिपी है।
भारतीय डाक प्रणाली का जो उन्नत और परिष्कृत स्वरूप आज हमारे सामने है, वह हजारों सालों के लंबे सफर की देन है। अंग्रेजों ने डेढ़ सौ साल पहले अलग-अलग हिस्सों में अपने तरीके से चल रही डाक व्यवस्था को एक सूत्र में पिरोने की जो पहल की, उसने भारतीय डाक को एक नया रूप और रंग दिया। पर अंग्रेजों की डाक प्रणाली उनके सामरिक और व्यापारिक हितों पर केंद्रित थी। भारत की आजादी के बाद हमारी डाक प्रणाली को आम आदमी की जरूरतों को केंद्र में रख कर विकसित करने का नया दौर शुरू हुआ। नियोजित विकास प्रक्रिया ने ही भारतीय डाक को दुनिया की सबसे बड़ी और बेहतरीन डाक प्रणाली बनाया है। राष्ट्र निर्माण में भी डाक विभाग ने ऐतिहासिक भूमिका निभाई है और इसकी उपयोगिता लगातार बनी हुई है। आम आदमी डाकघरों और पोस्टमैन पर अगाध भरोसा करता है। तमाम उतार-चढ़ाव के बावजूद इतना जन विश्वास कोई और संस्था नहीं अर्जित कर सकी है। यह स्थिति कुछ सालों में नहीं बनी है। इसके पीछे बरसों का श्रम और सेवा छिपी है।