कपिलमुनि मंदिर के महंत संजय दास के अनुसार दोपहर 12 बजे तक मकर स्नान का शुभ मुहूर्त था। इस साल पुण्य स्नान की तिथि दो दिन रहने के कारण रविवार और सोमवार दोनों ही दिन पुण्य स्नान किया गया। मेला क्षेत्र की सुरक्षा में सीसीटीवी, होवरक्राफ्ट और डॉर्नियर एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर के अलावा जलयान वज्र भी तैनात था।
जिला कलक्टर वाई रत्नाकर राव ने राजस्थान पत्रिका को बताया कि गत वर्ष के मुकाबले इस साल श्रद्धालुओं की संख्या दोगुना रही। वर्ष 2017 में 15 लाख श्रद्धालु गंगासागर आए थे। कलक्टर ने बताया कि मेले का समापन 17 जनवरी बुधवार को किया जाएगा। जिला प्रशासन ने छिटपुट घटनाओं को छोड़ गंगासागर मेला शांतिपूर्वक सम्पन्न होने का दावा किया है।
पुरी के शंकाराचार्य ने किया पुण्य स्नान-
पुरी के शंकाराचार्य ने किया पुण्य स्नान-
मकर संक्रांति के अवसर पर पिछले 4 दिनों से गंगासागर मेला क्षेत्र में पधारे गोवद्र्धन पीठ, पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती ने सोमवार को सागर में पुण्य स्नान किया। इस अवसर पर उनके अन्य सहयोगी साधुओं ने भी डुबकी लगाई। सागर स्नान के बाद शंकराचार्य गंगासागर से रवाना हो गए। पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच उनके काफिले को रवाना कर दिया गया।
लौटने लगे श्रद्धालु-
संक्रांति पर गंगासागर में पुण्य स्नान तथा कपिलमुनि के दर्शन करने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालुओं तथा साधुओं का जत्था सोमवार को अपने घरों को लौटने लगा। जिला कलक्टर राव के अनुसार कचूबेडिय़ा और चेमागुड़ी के घाटों पर पर्याप्त संख्या में लांच व वेसेल की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं के रास्ते में कोई परेशानी ना हो इसके लिए पुलिस को सख्त निर्देश दिए गए हैं।
संक्रांति पर गंगासागर में पुण्य स्नान तथा कपिलमुनि के दर्शन करने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालुओं तथा साधुओं का जत्था सोमवार को अपने घरों को लौटने लगा। जिला कलक्टर राव के अनुसार कचूबेडिय़ा और चेमागुड़ी के घाटों पर पर्याप्त संख्या में लांच व वेसेल की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं के रास्ते में कोई परेशानी ना हो इसके लिए पुलिस को सख्त निर्देश दिए गए हैं।