scriptमाफ कृषि ऋण का 10 प्रतिशत कमीशन मांगा, 15 हजार घूस लेते सहकारी समिति का व्यवस्थापक गिरफ्तार | 10 commission of waived Krishi loan, administrator of society arrested | Patrika News

माफ कृषि ऋण का 10 प्रतिशत कमीशन मांगा, 15 हजार घूस लेते सहकारी समिति का व्यवस्थापक गिरफ्तार

locationजोधपुरPublished: Jan 21, 2022 04:58:41 pm

Submitted by:

Vikas Choudhary

– ऋण खाते में जमा राशि परिवादी को लौटाने, एनओसी व माफ सरकारी ऋण का दस प्रतिशत कमीशन लिया- एसीबी पाली की बर स्थित ग्राम सेवा सहकारी समिति में कार्रवाई

माफ कृषि ऋण का 10 प्रतिशत कमीशन मांगा, 15 हजार घूस लेते सहकारी समिति का व्यवस्थापक गिरफ्तार

माफ कृषि ऋण का 10 प्रतिशत कमीशन मांगा, 15 हजार घूस लेते सहकारी समिति का व्यवस्थापक गिरफ्तार

माफ कृषि ऋण का 10 प्रतिशत कमीशन मांगा, 15 हजार घूस लेते सहकारी समिति का व्यवस्थापक गिरफ्तार
– ऋण खाते में जमा राशि परिवादी को लौटाने, एनओसी व माफ सरकारी ऋण का दस प्रतिशत कमीशन लिया
– एसीबी पाली की बर स्थित ग्राम सेवा सहकारी समिति में कार्रवाई
जोधपुर.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो पाली ने बर स्थित ग्राम सेवा सहकारी समिति के व्यवस्थापक को 15 हजार रुपए रिश्वत लेते शुक्रवार को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। उसके मकान व अन्य ठिकानों पर तलाशी ली जा रही है। आरोपी ने कृषि ऋण खाता में जमा परिवादी के हिस्से की राशि पुन: परिवादी को लौटाने, एनओसी जारी करने और सरकार से माफ कृषि ऋण का दस प्रतिशत कमीशन मांगा था।
ब्यूरो के उप महानिरीक्षक कैलाशचन्द्र बिश्नोई ने बताया कि परिवादी की शिकायत पर सत्यापन के बाद पाली में रायपुर तहसील के बर स्थित ग्राम सेवा सहकारी समिति के व्यवस्थापक मूलत: शिवपुरा थानान्तर्गत रेपड़ावास हाल ब्यावर में सेंदड़ा रोड पर मां अम्बे नगर निवासी शकूर खां पुत्र मोहम्मद खां को 15 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। एसीबी की अलग-अलग टीमें उसके मकान, कार्यालय व अन्य ठिकानों की तलाशी ले रही है।
कृषि ऋण माफी का दस प्रतिशत कमीशन मांगा
एसीबी का कहना है कि परिवादी का ग्राम सेवा सहकारी समिति में कृषि ऋण खाता है। आरोपी व्यवस्थापक ने उसमें जमा परिवादी के हिस्से की राशि पुन: परिवादी को लौटाने, एनओसी जारी करने और सरकार से माफ कृषि ऋण का दस प्रतिशत कमीशन मांगा था। जिसकी शिकायत परिवादी ने एसीबी पाली-प्रथम चौकी में की थी। इसका गुरुवार को गोपनीय सत्यापन कराया गया तो रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई थी। तब ट्रैप कार्रवाई की गई।
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