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मरुधरा में तैयार हो रहीं एग्रो लेडी

locationजोधपुरPublished: Jan 17, 2022 05:29:11 pm

– प्रदेश में महिलाओं ने शुरू किए कृषि आधारित 20 स्टार्टअप- मरुस्थल से लेकर आदिवासी अंचल में कृषि आधारित व्यवसायों में आगे रहीं महिलाएं- स्वयं के साथ अन्य महिलाओं को बना रही आत्मनिर्भर

मरुधरा में तैयार हो रहीं एग्रो लेडी

agro lady

सिकन्दर पारीक
जोधपुर। बाड़मेर के रेतीले धोरों में खजूर की खेती और प्रोसेसिंग कर रही है एलची देवी विश्नोई…सिरोही के वाडेरी गांव की किसान भावना हेमा चौधरी डेयरी व पशुपालन क्षेत्र में नवाचार के लिए पहचानी जाती है…पाली जिले के नाडोल की सरपंच फूलकंवर 20 बीघा जमीन पर नींबू की खेती से आसपास की महिलाओं को आत्मनिर्भर करने में जुटी है…प्रदेश में प्रगतिशील महिला किसानों के ये चंद उदाहरण हैं। अब इससे भी आगे बढकऱ तकनीक का दामन थाम खेतीबाड़ी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने को तैयार हैं प्रदेश की एग्रो लेडी। प्रदेश में अब महिलाएं कृषि आधारित विभिन्न स्टार्टअप शुरू कर रही हैं। प्रदेश में अब तक महिलाओं के ऐसे 20 स्टार्टअप शुरू हो चुके हैं।
आर्गेनिग फॉर्मिंग पर ज्यादा ध्यान
राजस्थान में कृषि क्षेत्र में 20 महिलाओं ने स्टार्टअप शुरू किया है। इसमें आर्गेनिक फॉर्मिंग के पांच, डेयरी के दो और 13 कृषि आधारित अन्य क्षेत्रों के स्टार्टअप हैं। डेयरी, पशुपालन के साथ ही सब्जी व फलों की सीधी बिक्री को लेकर भी स्टॉर्टअप शुरू किए गए हैं। वहीं देश भर में महिलाओं ने कृषि आधारित 173 स्टार्टअप शुरू कर दिए हैं।
स्टार्टअप पर सहायता
– पहले सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग को आइडिया भेजा जाता है।
– स्वीकृत होने के बाद उसकी माकेर्टिंग के लिए एक वर्ष तक प्रति माह दस हजार रुपए का सस्टेनेंस अलाउंस देय है।
– बाद में उसे चलाने के लिए दो लाख रुपए की सीड मनी सरकार देती है।
– माकेर्टिंग फंड और टेक्नो फंड की सुविधाएं मिलती है।
बढाएंगे यह दायरा
प्रदेश में महिलाओं ने कृषि क्षेत्र में 20 स्टार्टअप शुरु किए हैं। इन्क्यूबेशन सेंटर में महिलाओं के लिए 10 प्रतिशत सीट रिजर्व रखी जा रही है। इनकी भूमिका और सुविधाएं और बढ़ाने पर विचार चल रहा है। नीति आयोग के सहयोग से गत वर्ष प्रदेश की 150 महिला उद्यमियों से स्टार्टअप को लेकर मंथन भी किया गया था। स्टार्टअप में सस्टेनेंस व मार्केटिंग अलाउंस के साथ ही सीड फंडिंग की सुविधा है।
तपन कुमार शर्मा
संयुक्त निदेशक, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग, जयपुर
शुरुआती दौर में अच्छा संकेत
प्रगतिशील के साथ ही अब महिलाएं तकनीकी मदद से स्टार्टअप शुरू कर रही हैं। अभी शुरुआती दौर है, लेकिन सुखद संकेत है कि महिलाएं आगे रही हैं। महिलाओं को समय-समय पर खेती, पशुपालन, डेयरी और कृषि आधारित अन्य कार्यों के लिए प्रशिक्षण दिए जा जाते हैं। रेतीले धोरे बाड़मेर से लेकर सिरोही, पाली, नागौर में प्रगतिशील महिला किसान के कई उदाहरण हैं।
डॉ. बीआर चौधरी, कुलपति, कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर
बढ़ा रहे हैं जागरुकता
देश में 3.60 करोड़ महिला कृषक हैं, जो स्वयं कृषि आधारित कार्य करती हैं। राजस्थान के मरुस्थल से लेकर आदिवासी अंचल में महिलाएं कृषि क्षेत्र में आगे आ रही हैं। फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में कई महिला कृषक कार्यरत हैं। इन्हें और आगे बढ़ाने और स्टार्टअप शुरू करने के लिए समुदाय आधारित गतिविधियों में जानकारियां साझा की जा रही है।
जयेश जोशी, सचिव, वाग्धारा संस्थान
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