जोधपुर

जिसे पालना गृह में लावारिस छोड़ गए, उस बालिका का चार माह बाद उल्टी व दस्त से टूटा दम

एमडीएम अस्पताल के पालने में लावारिस छोड़ गए थे परिजन
 

जोधपुरSep 21, 2018 / 11:56 am

Harshwardhan bhati

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जोधपुर. मण्डोर थानान्तर्गत राजकीय शिशु गृह में गुरुवार को तबीयत खराब होने के बाद चार माह की एक बालिका का दम टूट गया। अंदेशा जताया जा रहा है कि उल्टी व दस्त की वजह से उसकी मृत्यु हुई है। उसे चार माह पहले मथुरादास माथुर अस्पताल के पालना गृह में छोड़ा गया था। उप निरीक्षक गोविंद व्यास ने बताया कि मण्डोर थाने के पास स्थित राजकीय शिशु गृह में रह रही चार माह की बच्ची की मृत्यु होने की सूचना मिली। शिशु गृह की अधीक्षक असमा पीर जादा की शिकायत पर पुलिस ने मर्ग दर्ज किया और फिर महात्मा गांधी अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाकर शव सुपुर्द किया गया। जिसे बाद में अंतिम संस्कार के लिए हिन्दू सेवा मण्डल को सुपुर्द कर दिया गया। फिलहाल मृत्यु के कारणों का पता नहीं लग पाया है।
 

जन्म के तुरंत बाद अस्पताल के पालना में मिली थी

बाल कल्याण समिति के डॉ आरएस चावड़ा ने बताया कि चार माह पहले 18 मई को बालिका मथुरादास माथुर अस्पताल के पालना में लावारिस हालत में मिली थी। जन्म के तुरंत बाद परिजन उसे पालने में छोड़ गए थे। बीमार होने की वजह से उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सुधार होने पर उसे शिशु गृह भेज दिया गया था। वहां भी बीमार रही। इसका इलाज भी कराया गया था। शुक्रवार सुबह उसे दूध पिलाया गया। इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे मण्डोर के सैटेलाइट अस्प्ताल ले जाया गया, जहां से उम्मेद अस्पताल रैफर कर दिया गया। बीच रास्ते में उसकी मृत्यु हो गई। पोस्टमार्टम के बाद चिकित्सकों ने अंदेशा जताया है कि उल्टी दस्त की वजह से उसकी मृत्यु हो सकती है।
बच्चों में फैल रहा अनजान वायरस

इन दिनों जोधपुर के बच्चों में फ्लू का नया वायरस फैल रहा है। पांच साल से छोटे बच्चे इसकी चपेट में अधिक आ रहे हैं। बच्चों को बुखार के साथी खांसी हो रही है। यह खांसी कई दिनों तक पीछा नहीं छोड़ रही। बच्चों में यह खांसी एक-दूसरे के सम्पर्क में आने से आगे बढ़ रही है। एसएन मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. प्रमोद शर्मा के अनुसार बच्चों में यह खांसी खतरनाक रूप ले रही है। यह फ्लू फैमिली के ही एक अजीब वायरस से खांसी के रूप में बच्चों को चपेट में ले रही है। अस्पतालों की ओपीडी में आने वाले बच्चों में से करीब 90 फीसदी में खांसी व बुखार की बीमारी ही सामने आ रही है। एमडीएम अस्पताल जनाना एवं शिशु रोग इकाई में प्रतिदिन सैकड़ों बच्चे खांसी-बुखार से पीडि़त आ रहे हैं।

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