छात्रसंघ चुनाव के नये नियमों के मुताबिक एपेक्स के चार पदों में से दो पदों अध्यक्ष व महासचिव पद के लिए उम्मीदवार की शैक्षणिक योग्यता स्नातकोत्तर अथवा पांच या चार वर्षीय डिग्री कोर्स के अंतिम वर्ष का नियमित छात्र होना जरूरी है। एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज के चार वर्षीय बीई पाठ्यक्रम के सभी परीक्षा परिणाम ३० जुलाई से लेकर १६ अगस्त के मध्य घोषित हुए हैं और एकाध विषय का परिणाम अभी आना बाकी है। एेसे में एमई (मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग) के लिए अभी तक प्रवेश प्रक्रिया शुरू ही नहीं हो पाई।
अगर कोई छात्र एमए में प्रवेश लेना चाहता है तो भी वह एेसा भी नहीं कर सकता क्योंकि विवि की अधिकांश स्नातकोत्तर प्रवेश प्रक्रिया २४ जुलाई तक पूरी हो गई। एेसे में बीई अंतिम वर्ष के छात्र पास तो हो गए लेकिन किसी अन्य कक्षा में प्रवेश नहीं ले पाने के कारण चुनाव से वंचित हो गए हैं। उधर बीई तृतीय वर्ष के छात्रों को इस समय परीक्षा देकर चतुर्थ वर्ष में आ जाना चाहिए था, ताकि वे चुनाव लड़ सके, लेकिन बीई तृतीय वर्ष की थ्योरी परीक्षाएं भी अभी तक नहीं हुई। विवि की लेटलतीफी से तृतीय और चतुर्थ वर्ष दोनों के छात्र चुनाव के लिए अयोग्य हो गए हैं।
एलएलबी के छात्र सभी पदों के लिए योग्य
यह जरूर है कि उपाध्यक्ष और संयुक्त महासचिव पद के लिए बीई तृतीय वर्ष के छात्र चुनाव लड़ सकते हैं। एपेक्स के इन दोनों पदों के लिए न्यूनतम योग्यता डिग्री कार्यक्रम में द्वितीय वर्ष या डिग्री कार्यक्रम में उच्च कक्षा का छात्र होना जरूरी है। इसमें एलएलबी के छात्र भी चुनाव लड़ सकते हैं। एेसे में एलएलबी में अध्ययनरत कोई भी छात्र एपेक्स के किसी भी पद के लिए चुनाव लड़ सकता है।
यह जरूर है कि उपाध्यक्ष और संयुक्त महासचिव पद के लिए बीई तृतीय वर्ष के छात्र चुनाव लड़ सकते हैं। एपेक्स के इन दोनों पदों के लिए न्यूनतम योग्यता डिग्री कार्यक्रम में द्वितीय वर्ष या डिग्री कार्यक्रम में उच्च कक्षा का छात्र होना जरूरी है। इसमें एलएलबी के छात्र भी चुनाव लड़ सकते हैं। एेसे में एलएलबी में अध्ययनरत कोई भी छात्र एपेक्स के किसी भी पद के लिए चुनाव लड़ सकता है।
इनका कहना है
जिसके पास मतदाता पहचान पत्र है वह चुनाव के लिए खड़ा भी हो सकता है। बाकी मुद्दों के बारे में अभी निर्णय नहीं लिया गया है। प्रो. अवधेश शर्मा, मुख्य चुनाव अधिकारी, जेएनवीयू
जिसके पास मतदाता पहचान पत्र है वह चुनाव के लिए खड़ा भी हो सकता है। बाकी मुद्दों के बारे में अभी निर्णय नहीं लिया गया है। प्रो. अवधेश शर्मा, मुख्य चुनाव अधिकारी, जेएनवीयू