थानाधिकारी भवानी सिंह के अनुसार सोलंकिया तला निवासी सरपंच गोपालसिंह पुत्र सांगसिंह ने सुबह मकान के कमरे में खूंटी पर रस्सी का फंदा लगाकर जान दी। पुलिस मौके पर पहुंची और जांच के बाद शव शेरगढ़ के अस्पताल की मोर्चरी भिजवाया। भतीजे वीरेन्द्रसिंह ने वर्तमान ग्राम विकास अधिकारी (ग्राम सेवक) महावीर प्रसाद आर्य, एलडीसी आसु कंवर व उसके पति रावलसिंह, सोलंकिया तला के व्यवस्थापक भोमसिंह और सेखाला का व्यवस्थापक खेतसिंह के खिलाफ आत्महत्या को दुष्प्रेरित करने का मामला दर्ज कराया। पोस्टमार्टम के बाद ग्रामीण व परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर अड़ गए और शव उठाने से इनकार कर दिया। पुलिस अधिकारी देर रात तक समझाइश में जुटे थे।
सरपंच की फर्जी सील व फर्जी मस्टर रोल से लाखों की गड़बड़ी! मृतक की जेब से कार्यालय ग्राम पंचायत सोलंकिया तला वाले लेटर हेड पर हाथ से लिखे 32 पेज मिले। जो आत्महत्या से पहले सरपंच की तरफ से लिखा होना बताया जा रहा है। कथित सुसाइड नोट में आरोप लगाया गया है कि उसकी फर्जी सील, फर्जी मस्टर रोल बना लाखों का फर्जी भुगतान उठाया जा रहा था। उसने एेसा करने से मना किया था, लेकिन आरोपी उस पर दबाव बना रहे थे। पंचायत के सभी दस्तावेज, चेक बुक आरोपियों के पास रहती थी।
बीमारी के दौरान भी जबरन साइन कर उठाए लाखों रुपए सुसाइड नोट में आरोप है कि वह काफी समय से बीमार था। तब भी उसके हस्ताक्षर से ग्राम पंचायत के खाते से लाखों का भुगतान उठाया गया था। आरोपियों ने खाली चेक पर जबरन उसके हस्ताक्षर कराए थे और उस आधार पर भुगतान उठाया गया था।
चार बच्चों को स्कूल भेज दे दी जान सरपंच गोपालसिंह के चार पुत्र हैं। जिन्हें स्कूल भेजने के लिए उसने सुबह पौने सात बजे स्कूल बस चालक ज्ञानसिंह को फोन करके पूछा था कि कितनी देर में लेने आ रहे हो। कुछ देर बाद चालक बस लेकर पहुंचा और सरपंच ने बच्चों को बस में बिठाकर स्कूल के लिए रवाना किया था। फिर पत्नी भी मवेशी लेकर पानी पिलाने निकल गई थी। पीछे उसने खूंटी पर रस्सी का फंदा बनाकर जान दे दी।
सात दिन से लिख रहा था सुसाइड नोट परिजन का कहना है कि ग्राम पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार से सरपंच गोपालसिंह खासा परेशान था। पेज पर लिखी तारीखों के अनुसार वह गत 17 जुलाई से सुसाइड नोट लिख रहा था। उपखण्ड अधिकारी, विकास अधिकारी, पुलिस अधिकारी और पूर्व मंत्री सहित कई लोगों के नाम शिकायती पत्र में लिखे हैं, लेकिन यह पत्र किसी अधिकारी को दिए नहीं थे। कनिष्ठ लिपिक आसु कंवर के पास कुछ दिन पहले ग्राम विकास अधिकारी का चार्ज था। पति रावलसिंह यह काम-काज देखता था। सरपंच के बीमार होने के कारण सभी कार्य भी रावलसिंह के जिम्मे था। आरोप है कि फर्जी तरीके से कई कार्य स्वीकृत कर भुगतान उठाया गया था। ग्राम विकास अधिकारी खाली चेक साइन कराने, फर्जी सीलें बनवाने और भुगतान उठाते थे। दोनों व्यवस्थापक भी प्रताडि़त करने में शामिल होने के आरोप लगाए गए हैं।
बच्चों को लेकर भी था चिंतित सुसाइड नोट में सरपंच ने अपने चारों बच्चों के भविष्य को लेकर भी चिंता जताई। उसने लिखा कि पत्नी की तबीयत भी कई बार खराब हो जाती है, लेकिन मजबूरन उसे जान देने का कदम उठाना पड़ रहा है।
ठेकेदार को एक दिन पहले ही बताई थी परेशानी सोलंकिया तला निवासी ठेकेदार गुलाबसिंह मंगलवार शाम सरपंच गोपालसिंह से मिला था। तब सरपंच ने भ्रष्टाचार के बारे में दुख जताया था और पूरी परेशानी सुनाई थी। सरपंच ने ठेकेदार से कहा भी था कि यह लोग उसके साथ धोखा कर रहे हैं और मर जाएगा। तब ठेकेदार ने सरपंच को आश्वस्त किया था कि उसने महावीर, भोमसिंह व बीडीओ से बात की है।
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‘सरपंच के आत्महत्या के मामले में एफआइआर दर्ज की गई है। पोस्टमार्टम कराया गया है। ग्रामीण गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। आरोपियों के घरों पर दबिश दी गई, लेकिन वे गायब हो गए। ग्राम सेवक का मोबाइल बंद है। एलडीसी भी नहीं मिली। 32 पेज के सुसाइड नोट मिले हैं। मृतक ने कभी कोई पुलिस शिकायत नहीं की थी।’
‘सरपंच के आत्महत्या के मामले में एफआइआर दर्ज की गई है। पोस्टमार्टम कराया गया है। ग्रामीण गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। आरोपियों के घरों पर दबिश दी गई, लेकिन वे गायब हो गए। ग्राम सेवक का मोबाइल बंद है। एलडीसी भी नहीं मिली। 32 पेज के सुसाइड नोट मिले हैं। मृतक ने कभी कोई पुलिस शिकायत नहीं की थी।’
रघुनाथ गर्ग, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) जोधपुर।