जिले में सामान्य मानसून के चलते बाजरा फ सल की बम्पर पैदावार की उम्मीद पर कीट प्रकोप से पानी फि रता नजर आ रहा है। जिले में हरी लट के प्रकोप से बड़ी मात्रा में बाजरे की अधपकी फ सल के नष्ट होने का अंदेशा है। इस तरह के कीट से बाजरे के दानों को नुकसान का जिले में यह पहला मामला है। किसान बाजरा बुवाई के समय टिड्डी हमलों से परेशान थे। जैसे-तैसे जतन कर टिड्डियों द्वारा नष्ट फ सलों की दुबारा बुवाई कर फ सल लेने में जुटे हुए थे लेकिन बाजरे की अधपकी बालियों में छुपकर हरी लट बाजरे के दूधिया दानों को नुकसान पहुंचा रही हैं।
— बाजरा की सबसे अधिक बुवाई, लट से बढ़ी चिंता जिले में सबसे ज्यादा 4.10 हैक्टेयर में बाजरे की बुवाई की गई है। इन दिनों बाजरे की फ सल के सिट्टे में दाना पडऩा शुरू होते ही भूरी व हरी लट ने बाजरे के सिट्टे पर हमला बोल दिया। पकने के पहले बालियों में लट लगने से चारे के साथ उत्पादन भी कम होने की संभावना है। लट से बाजरे की फ सल में 50 प्रतिशत तक नुकसान होने के आसार है।
— कृषि विश्वविद्यालय व कृषि विभाग की ओर से जिले के विभिन्न स्थानों पर सर्वे किया गया है। बाजरे की फसल पर लट के नियंत्रण के लिए किसानों को सुझाव दिए है, गाइडलाइन जारी की है। विभाग इस मामले पर नजर बनाए हुए है।
वीरेन्द्रसिंह सोलंकी, उप निदेशक कृषि विस्तार, जोधपुर