scriptजोधपुर के मेडिकल कॉलेज में इस गलती के चलते ५४ मेडिकोज नहीं दे पाएंगे परीक्षा, कॉलेज- अभिभावकों में ठनी | 54 medicos students will not be able to give exams | Patrika News
जोधपुर

जोधपुर के मेडिकल कॉलेज में इस गलती के चलते ५४ मेडिकोज नहीं दे पाएंगे परीक्षा, कॉलेज- अभिभावकों में ठनी

डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की मुख्य परीक्षाएं गुरुवार से शुरू हो गईं लेकिन इन परीक्षाओं में 249 में से 54 विद्यार्थी वंचित किए गए।

जोधपुरAug 18, 2017 / 09:20 am

Abhishek Bissa

Dr. SN medical college

54 medicos students will not be able to give exams, Dr. SN medical college, medical colleges in jodhpur, exams in medical college, hospitals in jodhpur, jodhpur news

जोधपुर . आए दिन मेडिकोज को लेकर कोई न कोई बखेड़ा खड़ा हो ही जाता है। कभी रेजीडेंट चिकित्सकों का मरीज के परीजनों से झगड़ा हो या गत दिनों मेडिकल विद्यार्थियों द्वारा सरेराह कपल्स के साथ छेड़खानी। जोधपुर में इस तरह की खबरें आम सी होने लगी हैं। वहीं इस कड़ी में एक यह नया अध्याय और जुड़ गया है। जो रोचक होने के साथ साथ महत्वपूर्ण भी है क्योंकि मेडिकल के विद्यार्थियों से अनुशासन की उम्मीद जो की जाती है। यहां के डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की मुख्य परीक्षाएं गुरुवार से शुरू हो गईं लेकिन इन परीक्षाओं में 249 में से 54 विद्यार्थी वंचित किए गए।
जिनके अभिभावकों ने कॉलेज आकर उलाहना दी लेकिन कॉलेज प्रशासन ने उन्हें मेडिकोज की उपस्थितियां दिखा दी। कुछ मेडिकोज ने अपना नाम गोपनीय रखते हुए आरोप लगाया कि बताया कि 28 मई को सभी की उपस्थिति डिस्पले की गई थी। एक उदाहरण के तौर पर एनाटोमी के थ्योरी में उनकी प्रजेंट 72 रही, प्रेक्टिकल 79 रही, उसके बाद 8 क्लासेज चली। जिसमें से उसने 6 क्लासेज अटैंड की। इस तरह से कई मेडिकोज की उपस्थिति पूरी हो गईए लेकिन फिर भी उन्हें परीक्षा से वंचित रखा जा रहा है। मेडिकोज ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन ने कहा कि गलती से डिस्प्ले हो गया।
अनुसाशन पर अड़ा मेडिकल कॉलेज


हालांकि इस मामले में गुरुवार को कई पैरेंट्स ने आकर कॉलेज प्रशासन से वार्ता की। इस दौरान अनुशासन पर अड़े कॉलेज ने सभी अभिभावकों को मेडिकोज की उपस्थिति बता दी। अब ये मेडिकोज रिजल्ट आने के डेढ़ माह बाद पुन: परीक्षा देंगे। एकेडमिक इंचार्ज डॉ अफजल हकीम ने बताया कि हमने पैरेंट्स को सभी की अटैंडेंस बता दी। जो आरोप लगा रहे है, वह गलत है। वे अपना एक तरफा पक्ष रख रहे है। उनको कहिए तीनों सब्जैक्ट की बताओ। कुछ अभिभावकों नियम लेकर आए थे। जो नियम पीजी का था। यूजी के लिए नहीं था। वहीं परीक्षा में बैठे बैच के रिजल्ट आने के डेढ़ माह के भीतर पुन: परीक्षा आयोजित होगी। जिसमें विद्यार्थी भाग ले पाएंगे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो