कोरोना से जीतना है तो घरों में रहना जरूरी, महामारी फैली तो सीमित हो जाएंगे शहर के संसाधन यह पहली बार है कि ईरान से रेसक्यू करके जैसलमेर और जोधपुर लाए गए भारतीयों में कोरोना की पुष्टि हुई है। दोनों ही मिलिट्री स्टेशन स्थित वैलनेस सेंटर में अब तक ईरान में फंसे 1036 भारतीयों को लाया गया है। जैसलमेर मिलिट्री स्टेशन में 15 मार्च से तीन बैच में 434 भारतीयों को लाकर यहां क्वारेंटाइन कैंप में आइसोलेशन में रखा गया है। रविवार को मिलिट्री स्टेशन में कुछ व्यक्तियों में खांसी-बुखार के लक्षण नजर आने के बाद सेना ने 45 व्यक्तियों के स्वाब के नमूने जांच के लिए एम्स जोधपुर भेजे।
कालाबाजारी रोकने आगे आई कृषि उपज मंडी समिति, जरूरतमंदों को बांटने के लिए मिलेगा लागत मूल्य का सामान एम्स की ओर से सोमवार दोपहर जारी रिपोर्ट में छह व्यक्तियों में कोरोना की पुष्टि हुई, जबकि 37 नमूने नेगेटिव निकले। वहीं जोधपुर शहर के ज्वाला विहार निवासी छात्र के घर के बाहर पुलिस बल तैनात किया गया। नगर निगम की टीमों ने स्प्रे करने का कार्य शुरू किया। छात्र को एम्स भर्ती कराया गया है। ये छात्र लंदन से सीधे मुंबई व जोधपुर फ्लाइट के माध्यम से आया था। जोधपुर मिलिट्री स्टेशन में दो बैच में 552 भारतीयों को लाया गया है। पिछले बुधवार को पहले बैच में 277 और रविवार को 275 यात्री लाए गए। पहले बैच में आए एक मां-बेटे को बुखार आने पर दोपहर में सेना ने दोनों को मथुरादास माथुर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां बेटे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
पौलेंड में फंस गए भारतीय छात्र, अब घर लौटना चाहते हैं, लेकिन रास्ते बंद एमडीएम में 8 संदिग्ध भर्तीएमडीएम अस्पताल में 44 वर्षीय हिंगलाज नगर निवासी, बकरा मंडी निवासी 25 वर्षीय युवक, उदयमंदिर निवासी 50 वर्षीय पुरुष, न्यू पॉवर निवासी 31 वर्षीय युवक, बिलाड़ा निवासी 28 वर्षीय युवक, लूणी निवासी 30 वर्षीय युवक , गांव खारा डेर की ढाणी से 17 वर्षीय किशोरी, हनुमानगढ़ निवासी 29 वर्षीय युवक को भर्ती कराया गया है। वहीं मोगड़ा के कोरेंटाइन सेंटर में 33 को और भर्ती कराया गया है।