यह भी कार्यक्रम होंगे रूपायन संस्थान विभिन्न प्रकार के समुदाय-आधारित पारंपरिक शिल्प, कलाकृतियां, और कठपुतली बनाने , पेशेवर झाड़ू बनाने वाले, खानाबदोश जनजातियों की ओर से बनाए जाने वाले बर्तन, कालबेलिया नृत्य और अमूर्त सांस्कृतिक पर एक लघु फिल्म इत्यादि का प्रदर्शन बेबिनार के माध्यम से किया जाएगा। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय प्रदर्शन कला – भारत सरकार की एजेंसी उनके जनसम्पदा संग्रह के तहत लघु फिल्मों के माध्यम से दिखाएगी । इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर इनक्लूसिव म्यूजयि़म और यूनेस्को के हेरिटेज विशेषज्ञ बताएंगे कि कैसे संस्कृति और विशेष रूप से अमूर्त या जीवित संस्कृति विकास संबंधी पहलु में एक चालक हो सकती है।