पुलिस अधीक्षक (एसीबी) अजयपाल लाम्बा ने बताया कि प्रकरण में आरोपी लिपिक अशोक पालीवाल, आटा मिल का संचालक स्वरूपसिंह राजपुरोहित व ठेकेदार सुरेश उपाध्याय की तलाश करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। उनके ठिकानों पर दबिशें दी गईं, लेकिन भूमिगत होने से कोई पकड़ में नहीं आया। उधर, निर्मला मीणा की गिरफ्तारी के लिए ब्यूरो ने अभी प्रयास नहीं किए हैं, लेकिन ब्यूरो का मानना है कि वो भी गायब है।
गबन के आरोपियों पर शिकंजा कसा
ब्यूरो का कहना है कि ३५०२० क्विंटल गेहूं का वितरण कागजों में राशन डीलर को किया गया था। जबकि वास्तविकता में यह गेहूं डीलर के फर्जी हस्ताक्षर कर के कागजों में ही सप्लाई कि या गया था। चार एेसे डीलर ब्यूरो के पास पहुंचे और इस बारे में तत्कालीन डीएसओ व अन्य के खिलाफ बयान दिए। इनके अलावा भी कई डीलर्स ने ब्यूरो से सम्पर्क कर जांच करने में सहयोग का भरोसा दिलाया है। इन डीलर के बयान दर्ज होने के बाद ब्यूरो के पास निलम्बित आईएएस निर्मला मीणा के खिलाफ और ठोस प्रमाण हो गया है। इससे मीणा की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
ब्यूरो का कहना है कि ३५०२० क्विंटल गेहूं का वितरण कागजों में राशन डीलर को किया गया था। जबकि वास्तविकता में यह गेहूं डीलर के फर्जी हस्ताक्षर कर के कागजों में ही सप्लाई कि या गया था। चार एेसे डीलर ब्यूरो के पास पहुंचे और इस बारे में तत्कालीन डीएसओ व अन्य के खिलाफ बयान दिए। इनके अलावा भी कई डीलर्स ने ब्यूरो से सम्पर्क कर जांच करने में सहयोग का भरोसा दिलाया है। इन डीलर के बयान दर्ज होने के बाद ब्यूरो के पास निलम्बित आईएएस निर्मला मीणा के खिलाफ और ठोस प्रमाण हो गया है। इससे मीणा की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।