उदयमंदिर थाने में बीती रात
बुधवार देर शाम आरोपी की पावटा सैटेलाइट अस्पताल में मेडिकल जांच कराई गई। फिर सुरक्षा के बीच पुलिस स्टेशन उदयमंदिर ले जाया गया, जहां रात भर रखा गया। सुप्रीम कोर्ट से खारिज हुई थी याचिका
एसीबी में मामला दर्ज होने व आटा मिल मालिक की गिरफ्तारी के बाद निर्मला ने निचली अदालत में अग्रिम जमानत याचिका लगाई, जो खारिज हो गई थी। फिर हाईकोर्ट में याचिका लगाई। हाईकोर्ट ने पहले उसे गिरफ्तार नहीं करने व एसीबी जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए थे। बाद में हाईकोर्ट ने भी याचिका खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी दस मई को अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।
बुधवार देर शाम आरोपी की पावटा सैटेलाइट अस्पताल में मेडिकल जांच कराई गई। फिर सुरक्षा के बीच पुलिस स्टेशन उदयमंदिर ले जाया गया, जहां रात भर रखा गया। सुप्रीम कोर्ट से खारिज हुई थी याचिका
एसीबी में मामला दर्ज होने व आटा मिल मालिक की गिरफ्तारी के बाद निर्मला ने निचली अदालत में अग्रिम जमानत याचिका लगाई, जो खारिज हो गई थी। फिर हाईकोर्ट में याचिका लगाई। हाईकोर्ट ने पहले उसे गिरफ्तार नहीं करने व एसीबी जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए थे। बाद में हाईकोर्ट ने भी याचिका खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी दस मई को अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।
ठेकेदार-लिपिक फरार, मित्तल से होनी है पूछताछ
प्रकरण में एसीबी अब तक सिर्फ आटा मिल मालिक स्वरूप सिंह को ही गिरफ्तार कर पाई है। ठेकेदार सुरेश उपाध्याय व रसद विभाग के तत्कालीन लिपिक अशोक पालीवाल फरार हैं। एसीबी को निर्मला के पति पवन मित्तल से भी पूछताछ करनी है। हालांकि अब तक की जांच में वह आरोपी नहीं है।
प्रकरण में एसीबी अब तक सिर्फ आटा मिल मालिक स्वरूप सिंह को ही गिरफ्तार कर पाई है। ठेकेदार सुरेश उपाध्याय व रसद विभाग के तत्कालीन लिपिक अशोक पालीवाल फरार हैं। एसीबी को निर्मला के पति पवन मित्तल से भी पूछताछ करनी है। हालांकि अब तक की जांच में वह आरोपी नहीं है।
दस साल में तीन करोड़ सात लाख की सम्पत्ति
गबन की जांच के दौरान एसीबी ने काली कमाई से अर्जित की गई निर्मला व पति के नाम की सम्पत्तियों की जांच भी की। सामने आया कि दोनों ने वर्ष 2007-08 से वर्ष 2017-18 तक 13 सम्पत्तियां अर्जित की। दसकी लागत तीन करोड़ लाख रुपए आंकी गई है। इस संबंध में निर्मला व पति मित्तल के खिलाफ गत दिनों आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने का एक अन्य मामला भी दर्ज किया गया था। निर्मला के नाम केरोसिन आवंटन में गड़बड़ी के परिवाद की जांच भी चल रही है।
गबन की जांच के दौरान एसीबी ने काली कमाई से अर्जित की गई निर्मला व पति के नाम की सम्पत्तियों की जांच भी की। सामने आया कि दोनों ने वर्ष 2007-08 से वर्ष 2017-18 तक 13 सम्पत्तियां अर्जित की। दसकी लागत तीन करोड़ लाख रुपए आंकी गई है। इस संबंध में निर्मला व पति मित्तल के खिलाफ गत दिनों आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने का एक अन्य मामला भी दर्ज किया गया था। निर्मला के नाम केरोसिन आवंटन में गड़बड़ी के परिवाद की जांच भी चल रही है।