एनजीटी ने केन्द्रीय भूजल बोर्ड को अनाधिकृत क्षेत्रों में भूजल दोहन करने वाले अवैध बोरवेल का पता लगाकर सीज करने के आदेश दिए। इसके लिए स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की मदद लेने, बोरवेल का बिजली कनेक्शन काटने के लिए तुरन्त डिस्कॉम की सहायता लेने और जरूरत हो तो जिला कलक्टर का सहयोग लेने के आदेश दिए।
एनजीटी ने कहा कि प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों पर कार्रवाई के लिए गठित स्पेशल टास्क फोर्स का ढांचा मजबूत किया जाए। इसके लिए एसटीएफ में अलग से नए पद सेंक्शन किए जाए, जिसका खर्चा भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा डिफाल्टिंग इकाइयों से वसूले गए एनवायरमेंटल कम्पनशेसन राशि से लिया जा सकेगा।
एनजीटी को आदेश दिए कि एसटीएफ केवल जोजरी नदी में प्रदूषण फैला रही इकाइयों पर कार्रवाई करेगी। इसके अलावा एसटीएफ विभाग या कार्यालय का रूटीन कार्य नहीं करेगी। एनजीटी ने जोधपुर पुलिस कमिश्नर को डीसीपी या डीआइजी रेंक का अधिकारी नियुक्त करने के आदेश दिए हैं जो नोडल अधिकारी के रूप में एसटीएफ के साथ समन्वय का काम करेगा। मामले की अगली सुनवाई ३० अगस्त को रखी गई है।