अविनाश केवलिया जोधपुर. राज्य सरकार अपना ग्रामीण वोट बैंक मजबूत करने का कोई मौका हाथ से नहीं गंवाना चाहती है। चुनावी साल में आचार संहिता से ठीक पहले प्रदेश में करीब दो लाख किसानों को कनेक्शन देने की तैयारी की जा रही है। खास बात यह है कि इससे सरकार पर तीन हजार करोड़ से अधिक का भार पड़ेगा। इस चुनावी साल में जो कनेक्शन जारी होंगे, वे औसत एक वर्ष में जारी होने वाले कनेक्शन की तुलना में तीन गुना हैं।
कृषि कनेक्शन पर जोर देने के लिए इसी माह अकेले जोधपुर डिस्कॉम में 65 हजार डिमांड नोटिस जारी किए जाएंगे। डिस्कॉम एमडी ने सभी 10 जिलों के अधिकारियों को लक्ष्य पूरा करने के निर्देश जारी किए हैं। ऊर्जा मंत्रालय सीएम वसुंधरा राजे खुद देख रही हैं और राज्य मंत्री पुष्पेन्द्रसिंह को हर 15 दिन में इसकी मॉनिटरिंग कर रिपोर्ट करने को कहा गया है। प्रदेश में अब जनवरी 2012 तक के आवेदकों को कनेक्शन जारी करने की गाइड लाइन जारी हुई है।
तीन गुना कनेक्शन
जोधपुर डिस्कॉम के 10 जिलों में औसतन 20 हजार कनेक्शन का आंकड़ा भी एक वर्ष में नहीं पहुंचा पाता है। इस बार 65 हजार कनेक्शन देने की तैयारी है। पुरानी कृषि कनेक्शन नीति के अनुसार 2010 में आवेदन कर चुके किसानों को ही लाभांवित किया जा रहा था।
दो लाख से अधिक खर्च एक कृषि कनेक्शन देने का खर्च दो से सवा दो लाख तक आता है। इसमें से 50 हजार रुपए आवेदकों से लिए जाते हैं। शेष राशि राज्य सरकार सब्सिडी के रूप में वापस देती है। ऐसे में सरकार पर न्यूनतम एक कनेक्शन से करीब 1.5 लाख रुपए का भार पड़ता है। इस लिहाज से प्रदेश के तीन लाख कनेक्शन करने पर करीब तीन हजार करोड़ और अकेले जोधपुर डिस्कॉम के 65 हजार कनेक्शन में करीब एक हजार करोड़ से अधिक का भार सरकार पर आएगा।
इनका कहना है
सरकार के विशेष निर्देश हैं कि कृषि कनेक्शन को गंभीरता से लेना है। डिस्कॉम चेयरमैन ने भी बीते दिनों निर्देश दिए। सभी जिलों के अधिकारियों को हिदायत दे दी है। एक माह में द्वितीय चरण के तहत सभी डिमांड जारी कर दिए जाएंगे।
एसएस यादव, प्रबंध निदेशक, जोधपुर डिस्कॉम