फायरिंग रेंज में आकाश मिसाइल के एडवांस वर्जन ने चंद मिनटों में लक्ष्य को नैस्तनाबूद कर दिया। पिछले तीन दिनों से परीक्षण की तैयारी की जा रही थी। एडवांस वर्जन वाली आकाश प्राइम मिसाइल में नए फीचर जोड़े गए हैं। साथ ही भीषण गर्मी में मारक क्षमता को भी परखा गया है। एडवांस वर्जन में टार्गेट की सटीक पहचान की क्षमता बढ़ाने के लिए सिग्नल को पहचानने में सक्षम स्वदेशी एक्टिव रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर लगाया है। इससे मिसाइल रिमोट से नियंत्रित किए जा रहे एयरक्राफ्ट को भी आसानी से ढूंढ सकती है।
‘आकाश’ में यह है खास डीआरडीओ में विकसित आकाश मिसाइल की रेंज आसमान में 30 किलोमीटर तक है। यह 18 हजार फीट की ऊंचाई तक जाती है और 50 से 80 किमी दूर दुश्मन को निशाना बना सकती है। इसे हवा में भी नियंत्रित किया जा सकता है और ये खुद सेंसर्स के जरिए ड्रोन से लेकर लड़ाकू विमानों के अलावा दुश्मन की क्रूज मिसाइलों तक को निशाना बनाने में सक्षम है। सेना को भी लम्बे समय से ऐसी मिसाइल की जरूरत थी जो खुद लक्ष्य को पहचान कर उसे नष्ट कर सके।
मिसाइल को भी बना सकती है निशाना आकाश मिसाइल एक तरह से डिफेंस सिस्टम की तरह काम करती है। यह हवा में लड़ाकू विमान क्रूज मिसाइल ड्रोन और हेलीकॉप्टर से छोड़ी गई मिसाइल को भी निशाना बना सकती है। यह मिसाइल सर्च ट्रेन एंड फायर कंट्रोल पर आधारित है। इसमें सिंगल यूनिट पर तीन विभिन्न राडार लगे हुए हैं। आकाश को सेना के ट्रक से आसानी से दागा जा सकता है।