scriptvideo ;आमिर के वादे, निगम की कसमें, जोधपुर के सपने ….आखिर क्या कर डाला आमिर ने जोधपुर के साथ… | video amir forgot his promise to jodhpur | Patrika News

video ;आमिर के वादे, निगम की कसमें, जोधपुर के सपने ….आखिर क्या कर डाला आमिर ने जोधपुर के साथ…

locationजोधपुरPublished: Mar 09, 2018 02:41:59 am

Submitted by:

mahesh ojha

– आमिर ने घोषणा करने के बाद भी नहीं दिए 11 लाख
– क्लीन जोधपुर ग्रीन जोधपुर अभियान का दम टूटा

amir in jodhpur

amir khan

जोधपुर . फि ल्म अभिनेता आमिर खान एक बार फि र गुरुवार को जोधपुर आए। वे पिछली बार यहां आए थे, तब उन्होंने क्लीन जोधपुर ग्रीन जोधपुर अभियान के तहत 11 लाख रुपए का अनुदान देने की घोषणा की थी। इतना ही नहीं, शहर के नागरिकों को स्वच्छता की शपथ भी दिलवाई थी। आमिर ने खुद ई-रिक्शा चलाकर योजना का आगाज करते हुए सॉलिड एंड लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट प्रोग्राम को हरी झंडी दिखाई थी। उन्होंने कहा था कि १८ महीने में शहर साफ-सुथरा होकर देश में मिसाल कायम करेगा। वे बदले हुए जोधपुर को देखने के लिए वापस आएंगे। कुल मिलाकर यह सब किसी फिल्मी कहानी की तरह काल्पनिक साबित हुआ। घोषणा के बाद न तो आमिर ने ११ लाख रुपए दिए और ना ही वे शहर को देखने ही आए। इधर, नगर निगम की स्वच्छता की कसम भी टूट गई तो साथ ही साथ शहर के बाशिंदों का स्वच्छता का सपना भी चूर होकर रह गया।
बहरहाल, करीब साढ़े तीन साल बाद गुरुवार को जोधपुर आए आमिर को न तो शहर स्वच्छ दिखाई दिया और ना ही उनको अपना ११ लाख रुपए देने का वादा याद रहा होगा। सारी योजना सिर्फ वादों, शपथ, भाषणों और उद्घाटन में ही सिमट कर रह गई। जिला प्रशासन और निगम के माध्यम से शहर की ओर से स्वयं कचरा साफ करने की तर्ज पर बनी योजना की शुरुआत में कई मोहल्ला विकास समितियां और स्वयंसेवी संस्थाएं आगे आईं, लेकिन बादमें योजना सिरे नहीं चढ़ पाई।
यह थी योजना

दक्षिण भारत के वैल्लूर कस्बे में स्वयंसेवी संस्था से जुड़े सी. श्रीनिवासन ने सॉलिड एंड लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम से कस्बे को कचरामुक्त कर कचरे को उपयोगी बनाया था। आमिर के टीवी शो ‘सत्यमेव जयतेÓ में सफलता की यह कहानी दिखाई गई थी। श्रीनिवासन तत्कालीन जिला कलक्टर डॉ. प्रीतम बी यशवंत के संपर्क में आए और यह योजना जोधपुर में लागू करने का मानस बनाया। आमिर ने स्वतंत्रता दिवस पर १५ अगस्त २०१४ को इस योजना को उम्मेद स्टेडियम से हरी झंडी दिखाई थी। जिला प्रशासन, नगर निगम, स्वयंसेवी संस्थाओं और आम लोगों को मिलजुल कर शहर को कचरा मुक्त करना था। इसके लिए हर वार्ड में एसएलआर सेंटर खोला जाना था, जहां उस वार्ड का कचरा एकत्र कर सॉलिड व लिक्विड वेस्ट अलग कर कचरा रिसाइकल करने की यूनिट लगाई जानी थी। रिसाइकल कचरे से होने वाली आय से यूनिट में काम करने वालों को भुगतान करना था।
राह में ये आए रोड़े

– हर वार्ड में कचरा संग्रहण के लिए जगह नहीं मिल सकी। मजदूरी का खर्च रिसाइकल कचरे से होने वाली आय से बहुत ज्यादा था।

– निगम लोगों को सूखा और गीला कचरा अलग-अलग पात्र में डालने सहित ऑर्गेनिक और नॉन ऑर्गेनिक कचरे के बारे में शिक्षित नहीं कर पाया।
– निगम में पहले दो कम्पनियां कनक और रामकी आगे आई थीं। दोनों ही फेल रही। उनके वाहन निगम के आश्रय स्थलों में कबाड़ हो रहे हैं।
………………….

जरा इनकी सुनो, किसने क्या कहा
मैं क्या बताऊं

उस समय नगर निगम में बोर्ड दूसरा था। योजना का क्या हुआ मैं क्या बताऊं।
घनश्याम ओझा, महापौर

कंपनी ने ही हाथ खींच लिए
योजना के आगाज के कुछ माह बाद ही चुनावी आचार संहिता लग गई थी। फिर संबंधित कंपनी ने भी हाथ खींच लिए। योजना ही ड्रॉप हो गई। मेरी जानकारी के हिसाब से आमिर खान का अनुदान भी नहीं मिला था।
– रामेश्वर दाधीच, पूर्व महापौर

महज दिखावा
यह योजना सिर्फ दिखावा मात्र थी। उद्घाटन हुआ, फोटोग्राफी हुई और फिर ढाक के तीन पात। मंशा ही नहीं थी इसलिए आगे कुछ नहीं हुआ। आमिर खान ने भी ११ लाख की कोरी घोषणा ही की थी। अनुदान दिया ही नहीं।
न्याज मोहम्मद, पूर्व उप महापौर, नगर निगम


आमिर ने नहीं दिए 11 लाख

योजना में जनता का सहयोग नहीं मिला। निगम के पास उस समय इतना बजट नहीं था। एेसे में योजना क्रियान्वित नहीं हो पाई। आमिर खान ने भी 11 लाख रुपए नहीं दिए थे।
हरिसिंह राठौड़, (तत्कालीन निगम आयुक्त) उप निदेशक क्षेत्रीय, स्वायत्त शासन विभाग
नहीं मिला आमिर का अनुदान
योजना का आगाज तो बहुत अच्छा हुआ था। कई संस्थाएं आगे आई थी। आमिर खान का कोई अनुदान प्राप्त नहीं हुआ।

– डॉ. प्रीतम बी यशवंत, तत्कालीन जिला कलक्टर
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