पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) राजर्षि राज वर्मा ने बताया कि गुलामुद्दीन 29 अक्टूबर को फरार हो गया था। गुलामुद्दीन के मुम्बई सेन्ट्रल में रेलवे स्टेशन के पास होने की जानकारी मिली थी। एडीसीपी (पश्चिम) निशांत भारद्वाज, बासनी थानाधिकारी मोहम्मद शफीक खान व बोरानाडा थानाधिकारी मोहम्मद शकील की अगुवाई में तीन टीमों ने तलाश शुरू की और ग्रांट रोड के बाजार में पकड़ लिया। सहायक पुलिस आयुक्त (पश्चिम) छवि शर्मा के नेतृत्व में आरोपी की पत्नी आबेदा से गहन पूछताछ की जा रही है। 24 घंटे की सडक़ यात्रा के बाद उसे लेकर शुक्रवार रात पुलिस जोधपुर पहुंची।
फर्जी आइडी दिखा बोला, मैं हूं गफ्फार…
पुलिस ने तलाश कर गुलामुद्दीन को पकड़ा तो उसने अपना नाम गफ्फार बता फर्जी परिचय पत्र दिखाया। पुलिस ने उसे छोड़ दिया। तभी पुलिस को उसके गुलामुद्दीन होने का संदेह हुआ। वह भागने लगा तो संदेह की पुष्टि हो गई थी।
पूछताछ में 4-5 नाम लिए, फिर पलटा
पुलिस ने मुम्बई से जोधपुर लाने के दौरान रास्ते में उससे हत्याकाण्ड के बारे में पूछताछ की। पहले तो उसने हत्याकाण्ड में शामिल चार-पांच नामचीन लोगों के नाम लिए। पुलिस ने इनके संबंध में साक्ष्य मांगे और सख्ती दिखाई। तब वह पलट गया और अकेले ही हत्या करने की जानकारी दी।