जोधपुर. राज्य सरकार की ओर से अनलॉक-4 की गाइडलाइन जारी होने के बाद हर तीसरे साल पुरुषोत्तम मास के दौरान जोधपुर में होने वाले आस्था के महाअनुष्ठान भोगिशैल परिक्रमा को प्रतिकात्मक रूप से किए जाने के प्रयास शुरू हो गए है। इस बार यह परिक्रमा 26 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक होनी है। ब्रज की गोवद्र्धन परिक्रमा की तरह जोधपुर में प्रत्येक तीसरे वर्ष पुरुषोत्तम मास (ईदक मास) के उपलक्ष में सात दिवसीय परिक्रमा होती है। परिक्रमा में जोधपुर शहर सहित मारवाड़, गोड़वाड़ से हजारों की संख्या में श्रद्धालु भाग लेते है।
पड़ाव स्थलों पर होगा केवल ध्वज पूजन भोगिशैल परिक्रमा-2020 के संयोजक महेश जाजड़ा ने बताया की रविवार रात राज्य सरकार की ओर से जारी अनलॉक-4 की गाइडलाइन में 21 सितम्बर से धार्मिक कार्यक्रम में 50 लोगों तक के शामिल होने की छूट देने से प्रतिकात्मक भोगिशैल परिक्रमा की अनुमति मिलने की उम्मीद है। हिन्दू सेवा मंडल के बैनर तले इस बार परिक्रमा के दौरान रातानाडा, चौपासनी, बड़ली, बैजनाथ, बेरीगंगा व मंडोर आदि परिक्रमा के पड़ाव स्थलों पर मंडल के सीमित सदस्यों की ओर से केवल ध्वज पूजन की अनुमति मांगी जाएगी। परिक्रमा में श्रद्धालुओं को शामिल होने की अनमुति नहीं होंगी लेकिन सोशल मीडिया पर लाइव दर्शन की व्यवस्था की जाएगी।
पूर्व में कब-कब हुई यात्रा 23 अप्रेल से 29 अप्रैल 2010 26 अगस्त से 1 सितम्बर 2012 27 जून से 3 जुलाई 2015 24 मई से 30 मई 2018 सदियों पुरानी धार्मिक परम्परा खंडित ना हो इसके होंगे प्रयास
परिक्रमा की धार्मिक परम्परा खंडित ना हो इसलिए प्रतीकात्मक रूप से सात दिवसीय परिक्रमा सीमित सदस्यों के साथ ध्वज के माध्यम से आयोजन की स्वीकृति के प्रयास किए जाएंगे। जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को हिन्दू सेवा मंडल की ओर से सीमित सदस्यों की अनुमति के लिए ज्ञापन सौंपा जाएगा।
-विष्णुचन्द्र प्रजापत सचिव भोगीशैल परिक्रमा यात्रा 2020