भारत के 3 प्रोजेक्ट ही चुने पुरस्कार की अंतरराष्ट्रीय ज्यूरी ने पूरे एशिया में 24 देशों के 400 प्रोजेक्ट्स में से अलग अलग श्रेणी में कुल 25 प्रोजेक्ट को अवार्ड प्रदान किए गए , जिनमें से भारत के 3 प्रोजेक्ट ही चुने गए। इनमें मृदुल की कलाकृति बिरखा बावड़़ी प्रमुख रही। उन्हें पूर्व में भी कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
विरासत के वारिस और पत्रिका वास्तुकार अनु मृदुल अपनी विरासत को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं। अनूठी धरोहर बिरखा बावड़ी शहर के बाशिंदों और देसी-विदेशी पर्यटकों ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चित रही है। आर्किटेक्ट के विशेषज्ञों, अकादमिकों और शोधार्थियों के शोध का भी विषय रही है।
अशोक उद्यान का आर्किटेक्ट बनाया उन्होंने न केवल अदभुत बिरखा बावड़ी, बल्कि जोधपुर के अशोक उद्यान का भी आर्किटेक्ट बनाया। राजस्थान पत्रिका जोधपुर संस्करण ने जहां बिरखा बावड़ी पर आधारित ‘रहिमन बिरखा राखिए पेज प्रकाशित किया था, वहीं सम्राट अशोक उद्यान स्थित ओपन एयर थिएटर की बदहाली पर ‘थिएटर मांगे जिंदगी अभियान चलाया था।
दो बार इंटरव्यू प्रकाशित किए राजस्थान हाईकोर्ट ने इस अभियान की शुरुआती खबर ही स्व प्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया था। इसके बाद सरकार और प्रशासन ने अशोक उद्यान राजस्थान आवासन मंडल से लेकर जोधपुर विकास प्राधिकरण को सौंपने का निर्णय किया, अब यह जेडीए की विरासत है। इन दोनों के प्रकाशन के दौरान राजस्थान पत्रिका ने उनका साक्षात्कार भी प्रकाशित किया था।