जरूरत है मदद की
सामाजिक युवा कार्यक र्ता मुलाराम की आर्थिक सहायता कर रहे हैं, लेकिन इस ‘अर्जुनÓ को धनुष खरीदने के लिए अभी भी और पैसों की जरूरत है। मुलाराम ने सभी शहरवासियों से धनुष खरीदने के लिए धन जुटाने में मदद करने की अपील की है। इस बार की राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में चयनित इस तीरंदाज को धनुष खरीदने लायक धन मिल जाता है तो ओलम्पिक में खेलने का ख्वाब देखने वाला यह यह तीरंदाज आगे राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता मंे राज्य का नाम रोशन कर सकता है।
सामाजिक युवा कार्यक र्ता मुलाराम की आर्थिक सहायता कर रहे हैं, लेकिन इस ‘अर्जुनÓ को धनुष खरीदने के लिए अभी भी और पैसों की जरूरत है। मुलाराम ने सभी शहरवासियों से धनुष खरीदने के लिए धन जुटाने में मदद करने की अपील की है। इस बार की राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में चयनित इस तीरंदाज को धनुष खरीदने लायक धन मिल जाता है तो ओलम्पिक में खेलने का ख्वाब देखने वाला यह यह तीरंदाज आगे राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता मंे राज्य का नाम रोशन कर सकता है।
यह है मामला
राजस्थान में राज्य स्तर पर तीरंदाजी प्रतियोगिता में चयनित जोधपुर जिले की बालेसर तहसील के गुंदियाल, ढाढणिया भायला ग्राम पंचासत के बीपीएल परिवार का प्रतिभावान तीरंदाज खिलाड़ी मुलाराम सांई की पारिवारिक आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वह तीन लाख रुपए का तीरंदाजी सामान नहीं खरीद पा रहा है। वह खेल विभाग और जनप्रतिनिधियों के यहां आर्थिक सहायता के लिए चक्कर काटता रहा, लेकिन उसे कहीं से भी कोई सहायता नहीं मिल रही है।
राजस्थान में राज्य स्तर पर तीरंदाजी प्रतियोगिता में चयनित जोधपुर जिले की बालेसर तहसील के गुंदियाल, ढाढणिया भायला ग्राम पंचासत के बीपीएल परिवार का प्रतिभावान तीरंदाज खिलाड़ी मुलाराम सांई की पारिवारिक आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वह तीन लाख रुपए का तीरंदाजी सामान नहीं खरीद पा रहा है। वह खेल विभाग और जनप्रतिनिधियों के यहां आर्थिक सहायता के लिए चक्कर काटता रहा, लेकिन उसे कहीं से भी कोई सहायता नहीं मिल रही है।
सरकार के मुंह पर तमाचा सरकार की तरफ से मुलाराम को कोई सरकारी सहायता नहीं मिलने पर वह पहले भी इसमें शामिल नहीं हो पाया था। इस बार भी सरकार की तरफ से उसे कोई सहायता नहीं मिली है। एेसे में जोधपुर शहर के बाशिंदों का इस तरह मुलाराम की धनुष खरीदने में पैसों से मदद करना सरकार के मुंह पर तमाचा है। सरकार की ओर से खिलाडि़यों को सुविधा देने के सारे वादे एकदम खोखले साबित हो रहे हैं।