जांच आयोग की रिपोर्ट से भी सिद्ध हुए आरोप अदालत से दोषी करार दिए गए आसाराम के खिलाफ कोई एक आरोप नहीं हैं। उसके खिलाफ बहुत से गंभीर आरोप हैं। देश भर में लगे ये आरोप पुलिस जांच और न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट से भी सिद्ध हुए हैं। आसाराम की इंदौर में गिरफ्तारी के बाद पुलिस के लिए गुजरात सरकार की ओर से तैयार की गई जस्टिस त्रिवेदी जांच आयोग की रिपोर्ट आपराधिक रिकॉर्ड तैयार करने में मददगार बनी है। यह रिपोर्ट चालान पेश करते समय जोधपुर की अदालत में भी पेश की गई थी।
आरोप -1: नन्हे दीपेश और अभिषेक की हत्या अहमदाबाद मोटेरो आश्रम में दस वर्षीय दो चचेरे भाइयों दीपेश वाघेला और अभिषेक वाघेला की मौत। पिता प्रफुल्ल वाघेला का आश्रम वालों पर हत्या का आरोप, मामले में आश्रम से जुड़े आसाराम के चार चेलों को २३ जनवरी २००८ को समन जारी किया गया।
आरोप -2 : नन्हे रामकृष्ण और वेदांत की हत्या
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा शहर में संचालित आवासीय आश्रम के शौचालय में ३१ जुलाई २००८ को दो विद्याथियों रामकृष्ण यादव (नर्सरी कक्षा) व वेदांत मौर्य (पहली कक्षा) के शव मिले।
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा शहर में संचालित आवासीय आश्रम के शौचालय में ३१ जुलाई २००८ को दो विद्याथियों रामकृष्ण यादव (नर्सरी कक्षा) व वेदांत मौर्य (पहली कक्षा) के शव मिले।
आरोप -3 : आश्रम में यौन शोषण, जान से मारने की धमकी आसाराम के सचिव सचिव राजू चाण्डक व व अहमदाबाद स्थित आसाराम के आयुर्वे? योग ग केंद्र में कार्यरत रहे उनके निकटस्थ आयुर्वेंद चिकित्सक अमृत प्रजापत ने जब आश्रम में चल रही अनियमितताओं और काली करतूतों का पर्दाफाश किया तो उन पर आफतों के पहाड़ टूट पड़े। चाण्डक के शरीर पर तीन गोलियां मारने का आरोप लगा। प्रजापति ने त्रिवेदी आयोग के समक्ष बयानों में कहा कि आश्रम की ओर से उन पर छह बार प्राणघातक हमला किया गया।
आरोप -4 : दवाइयों में गाय का घी, आश्रम में व्यभिचार
भारतीय संस्कृति में गाय को श्रद्धेय और पूज्य माना जाता है। आसाराम के आयुर्वेंद योग केंद्र में कार्यरत रहे चिकित्सक अमृत प्रजापत का आरोप है कि आश्रम में तैयार की जाने वाली दवाइयों में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जाता और वे तय मानदंडों का उल्लघंन या किसी भी तरह का समझौता करने के लिए तैयार नहीं थे, मगर वहां घी के स्थान पर गाय का घी इस्तेमाल किया जाता था। उनके शब्दों में-मैं वहां हो रहे व्यभिचार और भ्रष्टाचार का गवाह हूं।
भारतीय संस्कृति में गाय को श्रद्धेय और पूज्य माना जाता है। आसाराम के आयुर्वेंद योग केंद्र में कार्यरत रहे चिकित्सक अमृत प्रजापत का आरोप है कि आश्रम में तैयार की जाने वाली दवाइयों में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जाता और वे तय मानदंडों का उल्लघंन या किसी भी तरह का समझौता करने के लिए तैयार नहीं थे, मगर वहां घी के स्थान पर गाय का घी इस्तेमाल किया जाता था। उनके शब्दों में-मैं वहां हो रहे व्यभिचार और भ्रष्टाचार का गवाह हूं।
आरोप-5 : औरत के साथ देखा, भारी पड़ा आसाराम के आयुर्वेंद योग केंद्र में कार्यरत रहे चिकिआपबीती पीडि़त की जुबानीत्सक अमृत प्रजापत के शब्दों में–‘एक दोपहर मैं नई दिल्ली में जातिकरा फार्म हाउस गया था, यह आसाराम की मां के मरने के बाद का दूसरा दिन था। मैं आसाराम के कमरे में किसी भी समय जा सकता था। मैंने देखा-वहां कमरे में एक और थी, मुझे लगा कि मुझे वह दृश्य नहीं देखना चाहिए था। यह दृश्य देखने के बाद २० अगस्त २००५ को मुझे जान से मारने की धमकी मिली, तब मैंने आश्रम छोड़ दिया और गाजियाबाद में अपने एक दोस्त के यहां चला गया, तब १ सितंबर २००५ को गाजियाबाद में १०-१५ आसाराम समर्थकों ने मुझ पर हमला करते हुए धमकी दी कि अगर आसाराम या आश्रम के खिलाफ कोई बात की तो मुझे जान से मार दिया जाएगा। इस हमले के बाद मैंने अपने कार्यक्रम या दिनचर्या के बारे में अपने रोगियों को भी बताना बंद कर दिया। गुजरात पुलिस मुझे उनसे बचाने में अक्षम रही। त्रिवेदी आयोग भी आसाराम के खिलाफ कुछ करने में सक्षम नहीं होगा।
आरोप -6: जमीन पर कब्जा
फरवरी २००९ में अहमदाबाद आश्रम की ६७०९९ वर्ग मीटर जमीन पर अवैध कब्जे करने के मामले का खुलासा हुआ। गुजरात विधानसभा में गंूज आसाराम के आश्रमों में कई बच्चों की मौत, व्यभिचार और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों को लेकर गुजरात विधानसभा में हंगामा हुआ था।
फरवरी २००९ में अहमदाबाद आश्रम की ६७०९९ वर्ग मीटर जमीन पर अवैध कब्जे करने के मामले का खुलासा हुआ। गुजरात विधानसभा में गंूज आसाराम के आश्रमों में कई बच्चों की मौत, व्यभिचार और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों को लेकर गुजरात विधानसभा में हंगामा हुआ था।
जांच आयोग का गठन
जस्टिस त्रिवेदी आयोग- अदालत की तीखी टिप्पणी : गुजरात उच्च न्यायालय ने आसाराम पर लगे गंभीर आरोपों के बावजूद नरमी बरतने पर तीखी टिप्पणी करते हुए गुजरात की तत्कालीन सरकार की निंदा की।
जस्टिस त्रिवेदी आयोग- अदालत की तीखी टिप्पणी : गुजरात उच्च न्यायालय ने आसाराम पर लगे गंभीर आरोपों के बावजूद नरमी बरतने पर तीखी टिप्पणी करते हुए गुजरात की तत्कालीन सरकार की निंदा की।
आपबीती एक पीडि़त की जुबानी आसाराम और उसके गुण्डों ने मेरा जीवन बर्बाद कर दिया है और मुझे खत्म करने की धमकी दी है। क्यों कि हम सच का साथ दे रहे है, हमने दुनिया के सामने सच उजागर कर दिया, जो वो नहीं चाहते थे, हमने बताया कि आश्रम में यौन शोषण किया जाता है।
-राजू चाण्डक
-राजू चाण्डक
आसाराम के पूर्व सचिव,मीडिया के स्टिंग ऑपरेशन में रिकॉर्डेड
—-
—-