जोधपुर

आसाराम को सजा का ऐलान, अब जीवनभर रहेंगे सलाखों के पीछे

कारागार के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आसाराम सवेरे आम दिनों की अपेक्षा जल्दी उठे और रात भर बैचेनी में रहे…

जोधपुरApr 25, 2018 / 04:09 pm

dinesh

जोधपुर। गुरुकुल की नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के आरोप में 56 माह से जेल में बंद आसाराम को दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने बड़ा फैसला सुनाते हुए आसाराम के लिए इस सजा का ऐलान किया। अब आसाराम को जीवनभर सलाखों के पीछे रहना पड़ेगा। सजा सुनाते ही आसाराम फूट-फूट कर रोने लग गया। आसाराम सुनवाई के दौरान बैरक में 15 मिनट तक प्रार्थना करता रहा। कोर्ट में पूरी सुनवाई के दौरान भी राम-राम जपता रहा।
आसाराम के सेवादारों को भी सजा का ऐलान किया गया। दोषी करार दिए गए उनके सह आरोपियों में शिल्पी और शरद को 20-20 साल की सजा का ऐलान किया गया। 2 अन्य व्यक्तियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया।
 

आंखों से छलकने लगे आंसू
न्यायाधीश द्वारा दोषी करार देते ही कथा वाचक आसाराम सिर पकड़ कर बैठ गया और उसी समय वह राम नाम का जाप करने लगा। उम्र कैद की सजा सुनाते ही उसकी आखों में आसूं छलक पड़े। अदालत द्वारा दोषी करार देने के बाद सजा के बारे में दोनों पक्षों की ओर से दलील दी गयी। आसाराम के अधिवक्ताओं ने उनकी उम्र का हवाला देते हुये कम से कम सजा देने की दलील दी, लेकिन अदालत ने इसे नही माना।
 

सुत्रों के अनुसार बहस के दौरान आसाराम की ओर से वकीलों ने 3 दलीलें रखीं:
– सजा सुनाते वक्त आसाराम की उम्र का ध्यान रखा जाए।
– आसाराम समाज को अच्छे संदेश देते हैं उनके देश भर में करोड़ों अनुयायी हैं, उनकी धर्म उपदेशक की छवि को ध्यान में रखा जाए।
– वकीलों ने ये भी कहा कि आसाराम आदतन अपराधी नहीं हैं उनसे आम अपराधियों जैसा सलूक न हो।
 

पीडि़ता के अधिवक्ता ने अदालत में याचिका दाखिल कर एक करोड़ रूपये मुआवजे की मांग की है। आसाराम के वकील नीलम दुबे ने कहा कि इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की जायगी।
 

फैसले से पहले तनाव में दिखे थे आसाराम
नाबालिग से यौन शोषण के आरोपी कथावाचक आसाराम की फैसले के दिन की दिनचर्या सामान्य रही। हालांकि उनके चेहरे पर तनाव देखा गया। कारागार के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आसाराम सवेरे आम दिनों की अपेक्षा जल्दी उठे और रात भर बैचेनी में रहे।
 

उनके चेहरे पर सजा का भय बना रहा। आसाराम सवेरे चार बजे उठे और आम दिनों की तरह उन्होंने किसी तरह का व्यायाम नहीं किया। बताया जाता है कि आसाराम सवेरे जल्दी उठे और पूजा अर्चना की। पूजा अर्चना के दौरान वह काफी तनाव में देखे गये और उनके चेहरे पर सजा का भय के साथ मायूसी देखी गयी।
 

पीडि़ता के पिता बोले- ‘मिला न्याय’
इधर फैसला आने के बाद मामले में पीडि़ता के पिता की प्रतिक्रिया आई। उन्होंने कहा, ”आसाराम दोषी करार दिया गया है। हमें न्याय मिल गया। मैं उन सभी का शुक्रिया करना चाहता हूं जिन्होंने इस जंग में हमारा साथ दिया। मुझे उम्मीद है कि उसे अब सख्त सज़ा मिलेगी। उम्मीद करता हूँ कि जो भी गवाह जिनकी या तो ह्त्या हुई या जिनका अपहरण हुआ उन्हें भी न्याय मिला होगा।
वहीं अशोक गहलोत बोले- अब जनता पहचानेगी असली-नकली का भेद
फैसला आने के बाद प्रतिक्रियाओं का सिलसिला शुरू हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फैसले पर दी प्रतिक्रिया में कहा है कि ”अब समय आ गया है कि लोग वास्तविक संत और ढोंगी संतों के बीच अंतर जान सकें। ऐसी घटनाएं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी देश की छवि खराब करती है। ”
 

गौरतलब है कि सुनवाई के लिए सेंट्रल जेल में बैरक नंबर दो के पास विशेष कोर्ट बनाई गई थी। सुरक्षा के मद्देनजर जेल व शहर में करीब दो हजार पुलिसकर्मी तैनात रखे गए। आसाराम के आश्रम समेत बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, प्रमुख नाकों पर पुलिस बल तैनात किया गया। बरकततुल्ला खां स्टेडियम व राजकीय उम्मेद स्टेडियम में अस्थाई निरुद्ध गृह बनाए गए, ताकि समर्थकों को पकड़कर वहां रखा जा सके। इधर, फैसले से पहले आसाराम के समर्थक उसकी रिहाई को लेकर आश्रम में अखंड जाप करते रहे।
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