आसाराम मामले के इस हाईप्रोफाइल केस में जेल में विशेष कोर्ट बनाया गया था। जिसके बैरक नम्बर दो में बने कोर्ट में सुबह न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने मुख्य आरोपी आसाराम को दोषी करार दिया गया था। इसके साथ ही अन्य तीन आरोपियों पर भी दोष सिद्ध हुए हैं। वहीं अन्य दो को बरी हुए हैं। इस फैसले के आने के बाद पीडि़त पक्ष के परिवार ने राहत की सांस ली है। इसके दूसरी तरफ आसाराम के समर्थक निराश हैं। आसाराम के समर्थकों के हुड़दंग को
ध्यान में रखते हुए शहर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था। जज की ओर से दोषी करार किए जाने के कोर्ट के फैसले से आसाराम तनाव में आ गए थे।निर्णय आने के साथ ही वह सिर पकड़ कर बैठ गया और खाना खाने से इनकार कर दिया। उसने अपने वकीलों से कहा कि वे कुछ करें। निर्णय आने से पहले तक भगवान का स्मरण करता दिखा आसाराम। जैसे ही उसे दोषी करार दिया व तनाव में आकर मायूस हो गया। इसके बाद दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के बीच चली बहस के बाद जज वापस कोर्ट निकल गए। इससे पहले आसाराम ने जज के सामने अपने हाथ जोड़ लिए।
वहीं आसाराम मामले की मॉनिटरिंग करने वाले तत्कालीन डीसीपी पश्चिम व वर्तमान में पुलिस अधीक्षक एसीबी अजयपाल लाम्बा ने भी एक संदेश जारी कर न्यायप्रणाली को धन्यवाद दिया है। साथ ही अपने सहयोगियों को इस मामले में निष्पक्ष जांच में जुटकर लगने के लिए भी शुभकामनाएं दी हैं। हालांकि दोषी करार देने के साथ ही दोनों ही पक्षों की ओर से तीखी बहस शुरू हो गई थी। इस दौरान आसाराम के वकील ने उम्र का तकाजा देते हुए सजा को कम करने की गुहार लगाई थी। दूसरी ओर आश्रम परिसर सूनसान नजर आ रहा है। पाल रोड पर पुलिस के वाहन गश्त कर रहे हैं। फिलहाल आश्रम में शांति है। किसी भी तरह की घटना के समाचार नहीं है। पुलिस का दावा है कि आश्रम में समर्थक नहीं हैं। आश्रम में
काम करने वाले लोग ही उसमें मौजूद हैं।