गौर करने वाली बात है कि हाईकोर्ट के आदेशानुसार आसाराम को जेल में बनी अदालत से ही फैसला सुनाया गया। इसी के साथ खास बात ये है कि आसाराम स्वतंत्र भारत के इतिहास का सिर्फ चौथा ऐसा आरोपी है जिसे जेल में बनाए गए न्यायालय से फैसला सुनाया जाएगा। विशेष बात यह है कि यह वही हॉल है जहां 31 साल पहले टाडा कोर्ट बनी थी और कठघरे में अकाली नेता गुरचरणसिंह टोहरा खड़े थे। वहीं आसाराम व उसके चार साधक ने भी अपना फैसला सुना है। गौरतलब है कि जेल में फैसला सुनाने के देश में चंद ही उदाहरण हैं। आसाराम का केस यह चौथा मामला है, जब सुरक्षा कारणों से कोर्ट ने अपना फैसला जेल में ही सुनाया है। पहले यह कोर्ट तब चार साल तक चली थी लेकिन अब एक दिन के लिए ही लगेगी। पीठासीन अधिकारी मधुसूदन शर्मा आरोपी आसाराम सहित उनके तीन साधकों की सजा का ऐलान किसी भी वक्त कर सकते है।
जानें किसको-किस जेल से सुनाया गया फैसला? 1. तिहाड़ जेल (दिल्ली): इंदिरा गांधी के हत्यारों बेअंत और सतवंत सिंह – देश के इतिहास में पहली बार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों सतवंत सिंह और बेअंत सिंह की सुनवाई के मामले में कोर्ट जेल के अंदर लगी। 31 अक्टूबर, 1984 को इंदिरा गांधी को उन्हीं के सुरक्षाकर्मियों ने गोलियों से भून दिया था। इस घटना ने पूरे देश को हिला दिया। घटना के आरोपी सुरक्षाकर्मी बेअंत सिंह और सतवंत सिंह को तिहाड़ जेल में रखा गया था और सुरक्षा कारणों से इनके लिए जेल में ही अदालत लगी थी और फांसी की सजा सुनाई गई थी।
2. ऑर्थर रोड (मुंबई): आतंकी अजमल आमिर कसाब – देश पर हुए सबसे बड़े आतंकी हमले में पकड़े गए एक मात्र जिंदा आतंकी आमिर अजमल कसाब के केस की सुनवाई मुंबई की आर्थर रोड जेल में हुई. सुरक्षा कारणों से कारण उसे कोर्ट नहीं लाया गया। सुनवाई पूरी होने के बाद आमिर अजमल कसाब को फांसी की सजा दी गई। उसे बेहद गुप्त तरीके से आर्थर रोड जेल से यरवडा जेल शिफ्ट किया और वहीं उसे फांसी दी गई।
3. सुनारिया (हरियाणा): डेरा प्रमुख गुरमीत राम-रहीम – डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का मामला भी बेहद नाटकीय रहा। पंजाब के स्वघोषित संत गुरमीत राम रहीम सिंह को पंचकूला की अदालत ने दोषी करार दिया था। इसके बाद पंजाब और हरियाणा रामरहीम के समर्थकों की हिंसा की आग में जल उठा था। इसके बाद कोर्ट सुरक्षा कारणों से राम रहीम के लिए रोहतक की जेल में विशेष अदालत लगी और दोषी करार दिया गया। सीबीआई के जज जगदीप सिंह ने गुरमीत राम रहीम सिंह को रोहतक जेल में 20 साल की सजा सुनाई और 30 लाख रूपये का जुर्माना लगाया।
4. जोधपुर जेल: यहां बुधवार यानी कि आज आएगा आसाराम की सजा पर फैसला – आपको बता दें कि राजस्थान के जेल इतिहास में भी यह तीसरा मौका है जब जोधपुर के कारागार में अदालत लगाई जा रही है। इसी कारागार में 31 साल पहले टाडा की विशेष अदालत लगाई गई थी और एक साल पूर्व आरोपी आसाराम के मामले में भी अदालत लगाई गई थी। इसलिए आसाराम की सजा से पहले किसी अनहोनी की आशंका से पहले प्रशासन ने जोधपुर में सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए थे। खास बात यह है कि सुरक्षा कारणों से जोधपुर सेंट्रल जेल में ही अदालत लगी और वहीं फैसला सुनाया गया