पत्रिका से दूरभाष पर विशेष बातचीत पर अशोक ने बताया कि केन्द्र में प्रवेश के लिए देश भर से करीब ढाई लाख विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी। इसमें से केन्द्र की ओर से 300 की सूची बनाई गई। इस सूची में महज 29 का चयन किया गया। इसमें अशोक राजपुरोहित का भी प्रवेश हुआ है। भारत सरकार के भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (भाभा एटोमिक रिसर्च सेन्टर) बीएआरसी प्रशिक्षण विद्यालय में अशोक को नाभिकीय विज्ञान एवं अभियात्रिकी ओसीईएस 2019 में एक वर्षीय विन्यास पाठयक्रम में प्रवेश मिला है।
बतौर वैज्ञानिक काम करने का मिलेगा मौका एक साल का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद अशोक राजपुरोहित को केन्द्र में बतौर वैज्ञानिक काम करने का मौका मिलेगा। संभावना जताई जा रही है कि जोधपुर जिले से पहली बार इस पद पर किसी होनहार का चयन हुआ है। अशोक के पिता दुर्गसिंह राजपुरोहित (निदेशक श्रीबगतेश विद्या मंदिर पीलवा), माता मीनाकंवर, भाई विशाल राजपुरोहित, बहन पूजा राजपुरोहित ने बताया कि शुरू से पढ़ाई में अव्वल रहने वाले अशोक की इस कामयाबी ने से परिवार गौरवान्वित महसूस कर रहा है। बचपन से ही अशोक ने कई शील्ड व प्रमाण पत्र प्राप्त किए हैं। परिजनों की इच्छा है कि अशोक परमाणु अनुसंधान में बेहतर प्रदर्शन करते हुए देश का नाम विश्व पटल पर रोशन करे।
दो पेलेसमेंट छोड़ की तैयारी पत्रिका बातचीत में अशोक ने बताया कि कक्षा दसवीं गांव में ही रहकर निजी स्कूल से की। दसवीं के बाद कक्षा 11 आईआईटी एकेडमी जोधपुर से पास की। कक्षा बारहवीं कोटा से पास करने के साथ ही आईआईटी जेइइ एडवांस की भी तैयारी की। इसमें अशोक का चयन आईआईटी रूडक़ी में हो गया। यहां से अशोक सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। इसके बाद अशोक को हिन्दुस्तान पेट्रोलियम और श्रीसीमेंट कम्पनियों में बड़े पैकेज में जॉब के ऑफर मिले लेकिन अशोक का सपना देश के लिए कुछ बड़ा करने का था।
एक घंटे चला इंटरव्यू इसके बाद अशोक ने दोनो जॉब ऑफर को छोडकऱ गेट की परीक्षा दी। इस परीक्षा में अशोक ने ऑल इंडिया लेवर पर 220 वीं रेंक प्राप्त की। गेट की परीक्षा पास करने के बाद मुबंई में इसके लिए इंटरव्यू हुए। यहां छह सदस्यों की टीम ने करीब एक घंटे तक इंटरव्यू लिया। इस इंटरव्यू में मेरी कुशलता को देखते हुए उसे ट्रेनी सांईटिस्ट के रूप में बीएआरसी में प्रवेश दिया गया। अशोक के अनुसार एक साल तक बीएआरसी में ट्रेनी सांइटिस्ट के रूप में काम करने के बाद यहां पर उसे सांइटिस्ट की पोस्ट मिल जाएगी।
देश में रहकर देश की सेवा करना अशोक ने बताया कि देश में रहकर की देश में सेवा करने का सपना बच्चन से था टेक्निकल फील्ड में रुची होने के कारण इस ओर ध्यान दिया। कड़ी मेहनत और लगन के साथ तैयारी की। अशोक ने बताया कि लोग पढ़ाई करने के बाद विदेश जाने का सपना देखते हैं। लेकिन मुझे देश के लिए ही कुछ करना था। इसलिए मैंने विदेश में जाकर कभी जॉब करने का नहीं सोचा। अपने देश के लिए सेवा करने का मौका मिला इसकी ज्यादा खुशी है।