दर्शकों में बढ़ा रम्मत का क्रेज- पिछले कई सालों से रम्मत का आयोजन नहीं होने व मनोरंजन के अन्य साधनों की बाढ़ आने से लोगों में लोक नाट्य के प्रति रूचि कम हो गई थी। अब फिर से क्षेत्र में रम्मत के आयोजन शुरू हुए तो दर्शक भी जुडऩे लगे और अब रम्मत में रात में बड़ी संख्या में दर्शक पंहुचकर रम्मत के रंगमंच का लुत्फ उठाते हैं। हाल ही में हुए रम्मत के आयोजनों में बड़ी संख्या में दर्शकों की उपस्थिति ने रम्मत के क्रैज को दर्शा दिया है। अब 21 जून को किले के पास होगा राजा भृतहरि की रम्मत का मंचन होगा। जिसको लेकर कस्बेवासी अभी से तैयारियों में जुटे हुए है। साथ ही लोगों में अब रम्मत को लेकर उत्साह भी बना हुआ है।
चार माह में रम्मत के चार आयोजन-
राजस्थान पत्रिका द्वारा 27 मार्च को विश्व रंगमंच दिवस पर मारवाड़ के लोक नाट्य रम्मत को लेकर प्रकाशित विशेष कवरेज ‘धूमिल हुआ लोक नाट्य शैली रम्मत का रंगÓ प्रकाशित होने के बाद रम्मत के कलाकारों व लोगों ने रम्मत को जीवंत करने का बीड़ा उठाया। गौरतलब है कि राजा भृतहरि की रम्मत के तीन सफल आयोजन चुके है तथा चौथा आयोजन 21 जून को होने जा रहा है। (निसं)