इस बार रामनवमी के दिन चंद्रमा कर्क राशि में रहेगा। राम नवमी अपने घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित कर अपनी इच्छानुसार सात्विक चीजों का भोग लगाएं। रामचरितमानस, रामायण, श्री राम स्तुति और रामरक्षास्तोत्र का पाठ का महत्व है। राम नाम के जप में कोई विशेष नियम नहीं होने से कहीं भी कभी भी राम नाम का जप कर सकते हैं। नवरात्रि का समापन भी रामनवमी के दिन होने से इस दिन भगवान राम के साथ मां भगवती की पूजा अर्चना श्रेष्ठ है।
हनुमान जन्मोत्सव पर भी शुभ संयोग
संकटमोचक हनुमान के जन्मोत्सव पर इस साल 27 अप्रैल को मंगलवार सहित सिद्धि योग और व्यतीपात योग बन रहा है। हनुमान जन्मोत्सव के दिन शाम 8 बजकर 3 मिनट तक सिद्धि योग रहेगा। इसके बाद व्यतीपात लग जाएगा। जब वार, तिथि और नक्षत्र के मध्य शुभ तालमेल होता है तब सिद्धि योग का निर्माण होता है। सिद्धि योग के स्वामी गणेशजी हैं। योग में किए गए कार्य बिना किसी विघ्न-बाधा के सफल हो जाते हैं। हनुमान जयंती पर यह योग बनने से बजरंगबली की पूजा अतिशुभ फलदाई रहेगी। हनुमान जयंती को शाम 8 बजकर 8 मिनट तक स्वाती नक्षत्र रहेगा। व्यापार, परिवहन, दूध और कपड़े आदि के काम के लिए स्वाति नक्षत्र शुभ माना जाता है।
संकटमोचक हनुमान के जन्मोत्सव पर इस साल 27 अप्रैल को मंगलवार सहित सिद्धि योग और व्यतीपात योग बन रहा है। हनुमान जन्मोत्सव के दिन शाम 8 बजकर 3 मिनट तक सिद्धि योग रहेगा। इसके बाद व्यतीपात लग जाएगा। जब वार, तिथि और नक्षत्र के मध्य शुभ तालमेल होता है तब सिद्धि योग का निर्माण होता है। सिद्धि योग के स्वामी गणेशजी हैं। योग में किए गए कार्य बिना किसी विघ्न-बाधा के सफल हो जाते हैं। हनुमान जयंती पर यह योग बनने से बजरंगबली की पूजा अतिशुभ फलदाई रहेगी। हनुमान जयंती को शाम 8 बजकर 8 मिनट तक स्वाती नक्षत्र रहेगा। व्यापार, परिवहन, दूध और कपड़े आदि के काम के लिए स्वाति नक्षत्र शुभ माना जाता है।