रामनवमी को खरीदी का महामुहूर्त रवि पुष्य, कार्य में सफलता देने वाला सर्वार्थ सिद्धि और सूर्य का अभीष्ट प्राप्त होने से अनिष्ट की आशंका दूर करने वाला रवि योग भी रहेगा। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्र हैं। इसमें आठवें स्थान पर पुष्य नक्षत्र है। इसे नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। यह नक्षत्र रविवार को जब आता है तो रवि पुष्य का संयोग बनता है। इस योग में सभी बुरी दशाएं अनुकूल हो जाती है। इसमें विवाह के अतिरिक्त सोने के आभूषण, भूमि, भवन, वाहन की खरीदारी को स्थायी फल प्रदान करने वाला बताया गया है। इस दिन स्वामी नारायण और महातारा जयंती भी मनाई जाएगी। रामनवमी को सर्वार्थसिद्धि योग को शुभ योग माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सर्वार्थ सिद्धि योग का संबंध मां लक्ष्मी से है। मान्यता है कि इस योग में किए गए कार्य शुभ परिणाम देते हैं। कार्यों में सफलता भी मिलती है। रवि योग में सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलती है। सर्वार्थ सिद्धि योग में कोई भी जाप, अनुष्ठान कई गुना अधिक फल प्रदान करता है। विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए यह अहम है। मकान, वाहन, सोने चांदी के जेवरात की खरीदारी, मुंडन, गृहप्रवेश आदि विशेष मांगलिक कार्य किए जाते हैं। चैत्र नवरात्र में ग्रह नक्षत्रों का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस नवरात्र रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग व रवि पुष्य नक्षत्र शुभ संयोग बन रहे हैं। विधि विधान से माता रानी की पूजा करने से सभी मनोरथ पूरे होंगे।