देश के सभी निर्यातकों के लिए ऑटोमेटिक जीएसटी रिफ ण्ड
जोधपुर। देश के सभी निर्यातकों के लिए सिरदर्द बनी हुई जीएसटी रिफण्ड की समस्या अब दूर होगी। ऑटोमेटिक जीएसटी रिफ ण्ड को इसके समाधान के तौर पर जून माह से लागू किया जा रहा है। केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने रिफण्ड के दावों को सुदृढ़ करने और जल्दी निपटाने के लिए यह व्यवस्था लागू करने का निर्णय किया है। वर्तमान में ऑटोमेटिक रिफ ण्ड की सुविधा उन निर्यातकों को मिल रही है जो एकीकृत माल और सेवा कर (आईजीएसटी) अदा कर रहे है। निर्यातकों का जीएसटी रिफ ण्ड करोड़ों में होता है और रिफ ण्ड भुगतान की प्रक्रिया में देरी से निर्यातकों की बड़ी पूंजी ब्लॉक हो जाती है। जीएसटी नेटवर्क को कस्टम के साथ एकीकृत किया जा रहा है, जिससे 15 दिनों के अंदर निर्यातकों के बैंक खातों में रिफ ण्ड ट्रांसफ र हो जाएगा। राजस्व विभाग व जीएसटी नेटवर्क सभी निर्यातकों के द्वारा रिफ ण्ड की मांग को त्वरित पूरा करने के लिए ऐसी प्रक्रिया बना रहे है, जो रिफ ण्ड प्रक्रिया को सुदृढ़ बनाएगी। साथ ही, इस प्रक्रिया से फ र्जी रिफ ण्ड के मामलों को समाप्त करने में भी मदद करेगी। — आइटीसी में दावा करने वालों को फॉर्म भरना होगा विनिर्माण निर्यातकों और सप्लायर्स, जो इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) पर रिफ ण्ड का दावा करते है, को जीएसटी पोर्टल पर ऑनलाइन जीएसटी आरएफडी-01ए पर आवेदन पत्र भरना होगा। इसके बाद फ ॉर्म के प्रिंट के साथ अन्य आवश्यक दस्तावेज क्षेत्राधिकार अधिकारी को प्रस्तुत करने होंगे। इससे उनका रिफ ण्ड भुगतान 15 दिन या 1 माह के अंदर हो जाएगा — 3 स्लेब, जोधपुर के अधिकांश निर्यातक 18 प्रतिशत स्लेब में जीएसटी में सभी प्रकार के निर्यातकों के लिए जीएसटी अदा करने की 3 स्लेब रखी गई है। जो 5, 12 और 18 प्रतिशत है। जोधपुर में अधिकांश निर्यातक 18 प्रतिशत वाली स्लेब में आते है। — ऑटोमेटिक रिफ ण्ड सिस्टम से निर्यातकों को फ ायदा होगा । निर्यातकों की रिफ ण्ड पेंडेंसी भी खत्म होगी व उनकी वर्र्किंग वर्र्किंग केपिटल भी ब्लॉक होने से बचेगी । एसोसिएशन ने इसकी मांग वित्त मंत्रालय व जीएसटी काउंसिल में भी रखी थी । मनीष पुरोहित, सचिव जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन जोधपुर
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