श्री जैन रत्न हितेषी श्रावक संघ भोपालगढ़ के अनुसार जैनाचार्य हीराचंद मुनि म.सा. के शिष्य तत्वज्ञ श्रद्वेय प्रमोद मुनि म.सा. आदि ठाणा दो विहार कर मंगलवार को सांय करीब 6:15 बजे भोपालगढ़ स्थानक में आए थे। इस दौरान तपस्वी रत्न श्रद्वेय मोहन मुनि म.सा. ने अपना अंतिम समय नजदीक जानकर श्रद्वेय प्रमोद मुनि म.सा. के मुखारविंद से चोविहार पच्चखाण के पश्चात आहार, शरीर, उपधि, पचखु, पाप, आठार को स्पष्ट रूप से वोसिरामी बोलकर लगभग 7:15 बजे संथारा स्वीकार किया और प्रतिक्रमण करते हुए सांय लगभग 7:30 बजे जीवन को सफल कर मोहन मुनि म.सा. आराधक समाधि मरण को प्राप्त हुए।
वहीं जैन संत मोहन मुनि महाराज साहब के देवलोक गमन करने की सूचना मिलने पर भोपालगढ़ सहित आसपास के जैन समाज में शोक की लहर सी दौड़ गई और बड़ी संख्या में उनके श्रद्धालु रात में ही भोपालगढ़ पहुंचने लगे। सुबह तक यहां के जैन उपाश्रय के बाहर सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई और इसके बाद गाजे-बाजे के साथ दिवंगत जैन मुनि मोहन मुनि महाराज साहब की बैकुंठी यात्रा निकाली गई।
जिसमें सैकड़ों की संख्या में जैन समाज के श्रद्धालु नर-नारियों के साथ ही दूसरे समाजों के लोगों ने भी भाग लिया और पूरे भोपालगढ़ कस्बे में बैकुंठी यात्रा निकाल कर स्थानीय मोक्षधाम में अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान जैन संत मोहन मुनि महाराज साहब के सांसारिक परिजन भी मौजूद थे और उन्होंने अंतिम संस्कार की सभी क्रियाओं को पूरा किया।