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हाल ही के वर्षो में हुए शोधों में फास्ट फूड को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया गया है, ऐसे में बाजरा प्रोडक्ट्स फास्ट फूड का अच्छा विकल्प हो सकते है। बाजरा में पोषक तत्वों की वजह से स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होने के साथ कई बीमारियों में कारगर साबित हुआ है। इस वजह से हर उम्र के लोगों के साथ यूथ भी बाजरा उत्पादों को पसंद कर रहा है।
वर्ष 2023 इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट घोषित अन्तरराष्ट्रीय स्तर तक बाजरा को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ द मिलेट घोषित किया है। केन्द्र सरकार ने बाजरा को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ को प्रस्ताव भेजा था, जिसे स्वीकार किया गया। इससे खाद्य सुरक्षा को बल मिलेगा, किसानों का कल्याण होगा । साथ ही, इस क्षेत्र में रिसर्च कर रहे वैज्ञानिकों व स्टार्टअप्स के लिए रिसर्च की नई संभावना पैदा हुई है।
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दुनिया के सबसे स्वस्थ खाद्य पदार्थों में से एक बाजरा को माना जाता है, इसलिए इसे भविष्य की फसल या सुपरफूड कहा जाता है। बाजरा में जिंक, आयरन,कैल्शियम, कॉपर, मैग्नीशियम, मैंगनीज, सेलेनियम , पोटेशियम और फास्फोरस अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। साथ ही बाजरा में नियासिन, पैंटोथेकि एसिड, रिबोफाल्विन, फोलट, फोलिक एसिड, विटामिन बी 6, विटामिन सी, विटामिन ई और विटामिन के जैसे कई विटामिन भी मौजूद रहते है। बाजरा में मौजूद पोषक तत्व कई बीमारियों में कारगर साबित हुए है।
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– 9.8 मिलियन हैक्टेयर क्षेत्रफल में बोया जाता है देश में
– 9.4 मिलियन टन कुल उत्पादन देश में
– 3.75 मिलियन टन उत्पादन अकेले राजस्थान में
– 42 प्रतिशत हिस्सा कुल उत्पादन का राजस्थान में
– 4.15 मिलियन हैक्टेयर में बाजरा बोया जाता है राजस्थान में
– 56 प्रतिशत क्षेत्रफल पूरे देश का राजस्थान में
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