scriptBAKERY MARKET में बादशाहत बना रहे MILLET के प्रोडक्ट्स, देसी से ग्लोबल हुआ बाजरा | Bajra products are making a name for themselves in the bakery market | Patrika News

BAKERY MARKET में बादशाहत बना रहे MILLET के प्रोडक्ट्स, देसी से ग्लोबल हुआ बाजरा

locationजोधपुरPublished: May 21, 2022 10:52:08 am

Submitted by:

Amit Dave

– देसी से ग्लोबल हुआ बाजरा- बाजरा के केक, बिस्किट व अन्य उत्पाद हो रहे ग्लोबल- यूथ के साथ हर उम्र के लोग कर रहे पसंद

BAKERY MARKET में बादशाहत बना रहे MILLET के प्रोडक्ट्स, देसी से ग्लोबल हुआ बाजरा

BAKERY MARKET में बादशाहत बना रहे MILLET के प्रोडक्ट्स, देसी से ग्लोबल हुआ बाजरा

जोधपुर।

पश्चिमी राजस्थान का प्रमुख खाद्यान्न बाजरा अब देसी से ग्लोबल हो रहा है। पौष्टिकता की वजह से बाजरा के विभिन्न प्रोडक्ट्स घरेलू बाजार में लोकप्रिय हो रहे है। मोटे अनाज के रूप में पहचाना जाने वाला बाजरा अब गांवों से निकलकर विदेशों तक अपनी पहुंच बनाई है। पं राजस्थान में बाजरा की खेती बड़े पैमाने पर होती है। इनमें बाजरे के बिस्किट, चॉकलेट व केक काफी प्रशंसा पा रहे है और बेकरी बाजार पर अपनी बादशाहत बना रहा है। हालांकि वर्तमान में वृहद स्तर पर इन उत्पादों का बड़ा टर्नओवर नहीं है। बाजरा की खिचड़ी व शराब भी बनाई जाती है। ग्रामीण के साथ शहरों में खिचड़ी काफी प्रचलित है।
बाजरे के पर्याप्त उत्पादन को देखते हुए इन नए उत्पादों से रोजगार उत्पन्न होने के साथ ही किसानों को फसल का उचित मूल्य दिलाने में भी सहायक होंगे। बाजरा की अच्छी उपलब्धता के बाद प्रोसेसिंग व उत्पादन के लिए इकाई व मशीनरी आसानी से मिलने पर यह कार्य आसानी से किया जा सकता है और प्रमुख एग्रो प्रोडक्ट्स इंडस्ट्री के रूप में उभर सकता है। इससे करीब 80 हजार से 1 लाख युवा बेरोजगारों को रोजगार मिल सकता है।
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फास्ट फूड का अच्छा विकल्प
हाल ही के वर्षो में हुए शोधों में फास्ट फूड को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया गया है, ऐसे में बाजरा प्रोडक्ट्स फास्ट फूड का अच्छा विकल्प हो सकते है। बाजरा में पोषक तत्वों की वजह से स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होने के साथ कई बीमारियों में कारगर साबित हुआ है। इस वजह से हर उम्र के लोगों के साथ यूथ भी बाजरा उत्पादों को पसंद कर रहा है।

वर्ष 2023 इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट घोषित

अन्तरराष्ट्रीय स्तर तक बाजरा को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ द मिलेट घोषित किया है। केन्द्र सरकार ने बाजरा को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ को प्रस्ताव भेजा था, जिसे स्वीकार किया गया। इससे खाद्य सुरक्षा को बल मिलेगा, किसानों का कल्याण होगा । साथ ही, इस क्षेत्र में रिसर्च कर रहे वैज्ञानिकों व स्टार्टअप्स के लिए रिसर्च की नई संभावना पैदा हुई है।
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पौष्टिकता का भंडार
दुनिया के सबसे स्वस्थ खाद्य पदार्थों में से एक बाजरा को माना जाता है, इसलिए इसे भविष्य की फसल या सुपरफूड कहा जाता है। बाजरा में जिंक, आयरन,कैल्शियम, कॉपर, मैग्नीशियम, मैंगनीज, सेलेनियम , पोटेशियम और फास्फोरस अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। साथ ही बाजरा में नियासिन, पैंटोथेकि एसिड, रिबोफाल्विन, फोलट, फोलिक एसिड, विटामिन बी 6, विटामिन सी, विटामिन ई और विटामिन के जैसे कई विटामिन भी मौजूद रहते है। बाजरा में मौजूद पोषक तत्व कई बीमारियों में कारगर साबित हुए है।
सर्वाधिक उत्पादन राजस्थान में
– 9.8 मिलियन हैक्टेयर क्षेत्रफल में बोया जाता है देश में
– 9.4 मिलियन टन कुल उत्पादन देश में
– 3.75 मिलियन टन उत्पादन अकेले राजस्थान में
– 42 प्रतिशत हिस्सा कुल उत्पादन का राजस्थान में
– 4.15 मिलियन हैक्टेयर में बाजरा बोया जाता है राजस्थान में
– 56 प्रतिशत क्षेत्रफल पूरे देश का राजस्थान में
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