समय से पहले क्वार्टर खाली करवाने पर रोक
जोधपुरPublished: Sep 26, 2019 08:15:37 pm
-बीएसएफ कार्मिक की विधवा को आश्रय योजना के तहत मिला था क्वार्टर
समय से पहले क्वार्टर खाली करवाने पर रोक
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने सीमा सुरक्षा बल में सेवारत एक कार्मिक के निधन के बाद विधवा आश्रय योजना के तहत उसकी पत्नी को सात साल की अवधि तक दिए गए क्वार्टर को खाली करने के आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने बीएसएफ को आवंटन अवधि से पहले याचिकाकर्ता का क्वार्टर खाली नहीं करवाने और किसी तरह की पेनल्टी भी नहीं वसूलने के आदेश दिए हैं।
न्यायाधीश दिनेश मेहता ने याचिकाकर्ता पुष्पादेवी की ओर से दायर याचिका की सुनवाई के बाद यह आदेश दिए। याची के अधिवक्ता राजवेंद्र सारस्वत ने कोर्ट को बताया कि याची के पति का बीएसएफ में सेवारत रहते हुए निधन हो गया था। उसे विधवा आश्रय योजना के तहत जनवरी, 2016 में सात साल तक रहने के लिए क्वार्टर दिया गया। इससे एक महीने पूर्व दिसंबर, 2015 में उसके पुत्र की बीएसएफ में ही अनुकंपा के तहत मेघालय में नियुक्ति हो गई। वह दो बेटियों के साथ क्वार्टर में रह रही थी। हाल ही मार्च में बीएसएफ ने क्वार्टर का आवंटन निरस्त करते हुए याची को 31 मार्च तक कब्जा खाली करने को कहा। याची ने बीएसएफ को कई ज्ञापन दिए, जिस पर उसे बताया गया कि उसके बेटे की अनुकंपा नियुक्ति हो चुकी है। एक बेटी की शादी हो गई, जबकि दूसरी बेटी की पढ़ाई पूरी होने के कारण क्वार्टर खाली किया जाए। क्वार्टर खाली नहीं करने पर पेनल्टी लगाने की चेतावनी दी गई। सारस्वत ने कहा कि उसे विधवा आश्रय योजना के तहत यह आवास दिया गया था। बेटी की नौकरी या अन्य परिस्थितियों से उसके पात्र होने के सामाजिक स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया। एकलपीठ ने बीएसएफ को आवंटन अवधि से पहले क्वार्टर खाली करने से रोक दिया।