वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश विनितकुमार माथुर की खंडपीठ ने प्रभात दान की ओर से दायर जनहित याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद राज्य की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता संदीप शाह और केंद्र की ओर से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल संजीत पुरोहित को नोटिस स्वीकार करने के निर्देश दिए और अगली सुनवाई 7 अगस्त को मुकर्रर की।
याची के अधिवक्ता मुक्तेश माहेश्वरी ने कोर्ट को बताया कि बनाड़-बर हाईवे को चौड़ा करने के लिए बनाड़ के निकट भूमि चिह्नित की गई थी, जिस पर कुछ अतिक्रमियों ने अवैध दुकानें और ढाबे बना रखे हैं।
इन अतिक्रमियों को बचाने के लिए समीपवर्ती आगोर की भूमि से नेशनल हाईवे निकालने के लिए एक पार्षद ने सरकार को सिफारिश की, जिस पर नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ने जोधपुर विकास प्राधिकरण (jodhpur development authority) को आगोर भूमि आवंटन का प्रस्ताव सरकार को भेजते हुए प्रस्तावित बदलाव को मंजूरी दे दी।
माहेश्वरी ने बताया कि आगोर की भूमि कैचमेंट का भाग है, जिसका आवंटन केवल कुछ अतिक्रमियों को बचाने के लिए किया जा रहा है। इसे गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने फिलहाल आवंटन प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।