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बजरी परिवहन को लेकर बंधी मामले में फरार हेड कांस्टेबल ने कोर्ट में किया समर्पण, फिर भेजा जेल

locationजोधपुरPublished: Jul 10, 2019 04:48:50 pm

Submitted by:

Harshwardhan bhati

आदर्श पुलिस स्टेशन के थानेदार (एसआइ) को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बीते 10 मई को 20 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में कार्रवाई के दिन से फरार हेड कांस्टेबल ने बुधवार को कोर्ट में समर्पण कर दिया।

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बजरी परिवहन को लेकर बंधी मामले में फरार हेड कांस्टेबल ने कोर्ट में किया समर्पण, फिर भेजा जेल

जोधपुर. आदर्श पुलिस स्टेशन के थानेदार (एसआइ) को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बीते 10 मई को 20 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में कार्रवाई के दिन से फरार हेड कांस्टेबल ने बुधवार को कोर्ट में समर्पण कर दिया। इस मामले में निचली अदालत से अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने एसीबी को गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे। पेशी से पूर्व उसे कोर्ट परिसर की हवालात में बंद कर के रखा गया था। फिर आरोपी निलम्बित हेड कांस्टेबल तेजाराम को जेल भेजा गया। एसीबी ने प्रोडक्शन वारंट लिया और न्यायिक अभिरक्षा में भेजे जाने के बाद प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि थानेदार गजेन्द्रसिंह चारण ने मासिक बंधी न देने पर बजरी से भरा डम्पर व एस्कॉर्ट कर रही बोलेरो जब्त करने के बाद 45 हजार रुपए मांगे थे। रिश्वत लेते ही एसीबी अफसरों को देख एसआइ भाग कर थाने की छत पर जा चढ़ा और रिश्वत राशि फेंक दी थी। लेकिन एसीबी ने रिश्वत राशि भी बरामद कर ली। इस मामले में थानाधिकारी संजय बोथरा और एक हेड कांस्टेबल की भूमिका भी सामने आई थी।
ब्यूरो के उप महानिरीक्षक सवाईसिंह गोदारा के अनुसार धिंगाणा निवासी श्रवणराम बिश्नोई की शिकायत पर एसआइ गजेन्द्रसिंह चारण पुत्र माणकसिंह को गिरफ्तार किया गया था। चारण रोहट (पाली) थानान्तर्गत दानासनी गांव का रहने वाला है। पुलिस ने गत श्रवणराम का बजरी से भरा डम्पर व एस्कॉर्ट कर रही बोलेरो जब्त कर चार लोगों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में मदद और बजरी परिवहन के लिए मासिक बंधी के नाम पर एसआइ ने 45 हजार रुपए मांगे थे। श्रवणराम ने एसीबी को शिकायत कर दी। गोपनीय सत्यापन में इसकी पुष्टि हो गई।
एसीबी को देख थाने की छत पर भाग फेंके थे रुपए

श्रवण ने एसआइ को बताया था कि उसके पास सिर्फ बीस हजार रुपए हैं। इस पर वह फिलहाल बीस हजार रुपए लेने को तैयार हो गया। रिश्वत राशि लेने के लिए एसआइ ने परिवादी को पहले केबीएचबी में अपने पड़ोसी मित्र को देने को कहा। फिर उसे बासनी थाने बुला लिया। वहां पहुंचकर श्रवण ने एसआइ को बीस हजार रुपए देते ही एसीबी थाने पहुंच गई। यह देख एसआइ भाग कर थाने की छत पर चला गया और रुपए नीचे फेंक दिए।
लेकिन ब्यूरो के एएसपी डॉ. दुर्गसिंह राजपुरोहित व नरेन्द्र चौधरी ने एसआइ को पकड़ दो गवाहों की मौजूदगी में रुपए बरामद किए। एसआइ के हाथ धुलवाने पर बाएं हाथ पर रंग लगा मिल गया। एसीबी के एएसपी के अनुसार गत बुधवार सुबह पाली रोड पर निजी कार में सवार बासनी थानाधिकारी संजय बोथरा व हेड कांस्टेबल तेजाराम ने श्रवणराम का बजरी का डम्पर व एस्कॉर्ट कर रही बोलेरो जब्त की थी। लेकिन कागजी कार्रवाई एसआइ चारण से कराई। एसीबी ने सम्बंधित पत्रावली भी जब्त की है।

एक-दो दिन में तय होनी थी मंथली

ब्यूरो के अनुसार डम्पर व बोलेरो के साथ पकड़े गए आरोपियों के साथ पुलिस ने थाने में मारपीट कर दस हजार रुपए लिए थे। इसके बाद भी थानेदार एफआइआर दर्ज करने और मंथली तय करने का कहकर निकल गए थे। एक-दो दिन में बजरी परिवहन की मासिक बंधी तय होनी थी।

‘फ्री में नहीं होता काम’

गोपनीय सत्यापन में हेड कांस्टेबल तेजाराम ने रिश्वत के बारे में परिवादी से कहा कि सीधे अफसर के पास जाओ। जबकि एसआइ चारण ने कहा कि सीआइ का काम सीआइ जाने। मेरी पत्रावली में मैं ही मदद करूंगा, लेकिन काम फ्री में थोड़े ही होता है।
मंथली न देने वाले बजरी डम्पर पर ही कार्रवाई
बासनी थाना पुलिस ने बुधवार को बजरी का डम्पर जब्त किया था उसमें एक अन्य हेड कांस्टेबल का नाम भी सामने आ रहा है। जो किसी अन्य थाने में पदस्थापित है। बताया जाता है कि बजरी का डम्पर पकड़ते ही हेड कांस्टेबल बासनी थाने पहुंचा था और कार्रवाई का विरोध किया था। पुलिस ने उसे थाने में बिठा लिया था, लेकिन बाद में छोड़ दिया गया। हालांकि बासनी थानाधिकारी संजय बोथरा ने इससे इनकार किया है।
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