अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जोधपुर एम्स) में सीओपीडी दिवस के एक दिन पूर्व जनजागरुक कार्यक्रम आयोजित किया गया। पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के सहआचार्य डॉ. नवीन दत्त ने बताया कि सीओपीडी के कारण होने वाली मौतों की संख्या में भारत दूसरे नंबर पर है। सीओपीडी की जांच में विलंब और अपर्याप्त उपचार के कारण स्थिति खराब होती जा रही है। डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज से डॉ. सीआर चौधरी ने कहा कि अस्थमा से मिलता-जुलता प्रोढ़ावस्था में होने वाला सीओपीडी अस्थमा से ज्यादा घातक होता है। ग्रामीण भारत में मृत्यु का बड़ा कारण सीओपीडी है। राजस्थान का भारत में 8वां स्थान है। मृत्युदर के हिसाब से राजस्थान का भारत में पहला स्थान हैं। इस बीमारी में लंग पर अटैक होता है।