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राजस्थान हाईकोर्ट का बड़ा फैसला : बीएड डिग्री धारक व डीएलएड धारक रीट प्रथम लेवल के योग्य नहीं

locationजोधपुरPublished: Nov 25, 2021 09:18:22 pm

– राजस्थान हाईकोर्ट में तीन दिन से चल रही थी सुनवाई- मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी तथा न्यायाधीश सुदेश बंसल की खंडपीठ ने खुली कोर्ट में सुनाया निर्णय

राजस्थान हाईकोर्ट का बड़ा फैसला : बीएड डिग्री धारक व डीएलएड धारक रीट प्रथम लेवल के योग्य नहीं

राजस्थान हाईकोर्ट का बड़ा फैसला : बीएड डिग्री धारक व डीएलएड धारक रीट प्रथम लेवल के योग्य नहीं

जोधपुर. बीएड डिग्रीधारियों तथा डीएलएड (एनआईओएस) धारकों को राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) स्तर प्रथम के लिए योग्य नहीं माना है। राजस्थान हाईकोर्ट में तीन दिन से सुनवाई चल रही थी। मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी तथा न्यायाधीश सुदेश बंसल की खंडपीठ ने गुरुवार को खुली कोर्ट में यह निर्णय सुनाया।
कोर्ट ने पूर्ववर्ती सुनवाई पर याचिकाओं के निर्णय के अधीन रखते हुए राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) स्तर प्रथम में बीएड डिग्रीधारियों तथा डीएलएड (एनआईओएस) धारकों को बैठने की अनुमति दी थी, लेकिन अब इनको पात्र नहीं माना गया है।
राज्य सरकार ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती स्तर प्रथम की भर्ती में बीएड डिग्री धारक अभ्यर्थियों को अवसर नहीं दिए जाने को लेकर दोनों पक्षों ने चुनौती दी थी। बीएड डिग्री धारक अभ्यर्थियों की ओर से कहा गया था कि नेशनल कौंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने 28 जून, 2018 को जारी एक अधिसूचना में बीएड डिग्री धारक अभ्यर्थियों को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती स्तर प्रथम की भर्ती के लिए यह कहते हुए पात्र माना था कि नियुक्ति मिलने की स्थिति में ऐसे अभ्यर्थियों को छह महीने का ब्रिज कोर्स करना होगा। राज्य सरकार ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती स्तर प्रथम के लिए आवेदन मांगे, लेकिन इसमें बीएड डिग्री धारक अभ्यर्थियोंं के लिए अवसर नहीं रखा गया था। जबकि सरकार की दलील थी कि सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय के मुताबिक बीएड डिग्री धारक स्तर प्रथम के लिए पात्र नहीं है। सरकार ने एनसीटीई की ही अधिसूचना पर सवाल उठाए। सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि रीट परीक्षा में बीएसटीसी की योग्यता रखने वाले 3 लाख 50 हजार अभ्यर्थियों ने भाग लिया, जबकि प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक स्तर प्रथम के 18 हजार 850 पद ही रिक्त है।
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