जोधपुर

अफ्रीका व इजरायल पहुंचा जोधपुर का जैविक बेर

– काजरी में बेर दिवस पर फल प्रदर्शनी में लगाए 26 किस्मों के बेर – किसानों व कृषि वैज्ञानिकों ने सभी के स्वाद चखकर बताए फायदे

जोधपुरJan 23, 2018 / 11:51 pm

Devendra Bhati

बासनी (जोधपुर). टिकड़ी…गोला…इलायची…रश्मि…ये जैविक पद्धति से उगाए गए वे बेर हैं जिनके पौधे इजरायल और लेटिन अमेरीका जैसे देशों के किसान यहां से मंगवाते हैं। केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) में फल प्रर्दशनी और बेर दिवस में किसान और कृषि वैज्ञानिकों ने एक साथ मिलकर जैविक खेती के बेरों का स्वाद चखा और इसकी खूबियां बताई।
 

बेर प्रदर्शनी में बेर की 26 किस्म, अनार की 10 किस्म, अमरूद की 4 किस्म, आंवला की 6 किस्म, खीरा ककरी, करोंदा, चुकन्दर, मूली, नींबू, हजारा फूल, शलगम, हरा प्याज, स्ट्रॉबेरी, पपीता, खजूर के फलों को प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान बीकानेर के निदेशक डॉ. पीएल सरोज ने कहा कि विश्व में बेर की सबसे अधिक 350 प्रजातियां भारत में है।
 

किसान क्षेत्र की जलवायु के अनुसार किस्म का चयन कर पौधे लगाएं, इससे उनकी आमदनी बढेगी। सीआईएचए बीकानेर के पूर्व निदेशक डॉ. ओपी पारीक ने कहा कि 1972 में धोरों की धरती पर बेर के लिए अनुसंधान कार्य प्रारम्भ किया गया। बेर का पौधा जोधपुर से अफ्रीका, इजरायल, लेटिन अमेरिका तक पहुंचा। काजरी, जोधपुर निदेशक डॉ. ओपी यादव ने कहा कि किसान बेर की फसल से अच्छी आमदनी के लिए अलग-अलग किस्मों के अनुसार इसे बेचें। निगम महापौर घनश्याम ओझा ने बेर बगीचे का अवलोकन किया। फल प्रर्दशनी के डॉ. पीआर मेघवाल ने अतिथियों का स्वागत किया।
 

कार्यकम का संचालन गजे सिंह जोधा ने किया तथा प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अकथ सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में 100 से अधिक कृषकों ने भाग लिया। श्रेष्ठ फल प्रर्दशन में इन्हें मिला सम्मान बेर फल की विभिन्न किस्मों के श्रेष्ठ प्रर्दशनी के लिए इंतखाब आलम अंसारी, बाबूलाल, छतर सिंह, गणेशाराम, कैप्टन बाबू खां, मोहन लाल सारण, विजय सांखला, लक्ष्मी, वैद्य खींवराज परिहार बाबूलाल, विमला सियाग, चैनाराम, गोरधनराम तथा अनार की विभिन्न किस्मों के लिए परेश, जय कुमार जैन, चतुरा राम, बाबू लाल आदि को सम्मानित किया गया।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.