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दस दिन में ही दूसरी बड़ी जिम्मेदारी
उन्हें पिछले दिनों ही कांग्रेस का राष्ट्रीय संगठन महासचिव बनाया गया था। गहलोत को गत ३१ मार्च को ही पार्टी का राष्ट्रीय संगठन सचिव बनाया गया था। पहले गुजरात चुनाव में कांग्रेस की जीत से उनका राजनीतिक कद बढ़ गया है। पार्टी ने दस दिन पहले ही उन्हें कांग्रेस का राष्ट्रीय संगठन बनाया था और अब दस दिन में ही पार्टी ने दूसरी बड़ी जिम्मेदारी दे कर उनके प्रति विश्वास जताया है। इससे पार्टी और विशेषकर राहुल गांधी की नजर में उनकी बढ़ी हुई भूमिका का अनुमान लगाया जा सकता है।
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राजस्थान से दूर न रहने के संकेत दिए थे
ध्यान रहे कि गत ३१ मार्च को नई दिल्ली में संगठन में बड़ी भूमिका मिलने के बाद उन्होंने जोधपुर के सर्किट हाउस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि राहुल गांधी ने उन्हें बड़ी भूमिका दी है और वे संगठन को मजबूत करने की दिशा में काम करेंगे। साथ ही उन्होंने यह कह कर कि ‘मैं थांसू दूर नहीं। भले ही दिल्ली में रहूं, लेकिन राजस्थान से दूर नहीं रहूंगा, पार्टी में अपनी भूमिका और राजस्थान से दूर न रहने के भी स्पष्ट संकेत दे दिए थे। गहलोत ने तब कहा था कि राहुल गांधी ने बड़ी भूमिका दी है तो संगठन को मजबूत करने की दिशा में काम करूंगा और हर तरह के विश्वास पर खरा उतरने का प्रयास कररूंगा।
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दस दिन में ही दूसरी बड़ी जिम्मेदारी
उन्हें पिछले दिनों ही कांग्रेस का राष्ट्रीय संगठन महासचिव बनाया गया था। गहलोत को गत ३१ मार्च को ही पार्टी का राष्ट्रीय संगठन सचिव बनाया गया था। पहले गुजरात चुनाव में कांग्रेस की जीत से उनका राजनीतिक कद बढ़ गया है। पार्टी ने दस दिन पहले ही उन्हें कांग्रेस का राष्ट्रीय संगठन बनाया था और अब दस दिन में ही पार्टी ने दूसरी बड़ी जिम्मेदारी दे कर उनके प्रति विश्वास जताया है। इससे पार्टी और विशेषकर राहुल गांधी की नजर में उनकी बढ़ी हुई भूमिका का अनुमान लगाया जा सकता है।
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राजस्थान से दूर न रहने के संकेत दिए थे
ध्यान रहे कि गत ३१ मार्च को नई दिल्ली में संगठन में बड़ी भूमिका मिलने के बाद उन्होंने जोधपुर के सर्किट हाउस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि राहुल गांधी ने उन्हें बड़ी भूमिका दी है और वे संगठन को मजबूत करने की दिशा में काम करेंगे। साथ ही उन्होंने यह कह कर कि ‘मैं थांसू दूर नहीं। भले ही दिल्ली में रहूं, लेकिन राजस्थान से दूर नहीं रहूंगा, पार्टी में अपनी भूमिका और राजस्थान से दूर न रहने के भी स्पष्ट संकेत दे दिए थे। गहलोत ने तब कहा था कि राहुल गांधी ने बड़ी भूमिका दी है तो संगठन को मजबूत करने की दिशा में काम करूंगा और हर तरह के विश्वास पर खरा उतरने का प्रयास कररूंगा।
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राजस्थान खून में, जोधपुर दिल में बसता है
गहलोत ने कहा था कि वे अब संगठन में लोगों को जोड़ेंगे। हर राज्य, जिला स्तर पर कांग्रेस के बारे में ट्रेनिंग देंगे। नई पीढ़ी व कांग्रेस के बीच दूरी खत्म करेंगे। युवाओं को कांग्रेस व गांधी की के बारे में बताएंगे। राजस्थान में भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा था कि जब उन्हें गुजरात भेजा गया था तो कई कयास लगे थे। वे पहले भी संगठन में रहते दिल्ली से ही मुख्यमंत्री बन कर आए थे। उनका यह बयान उनकी मंशा का दर्पण है। तब उन्होंने कहा था कि वे राजस्थान के हर गांव-ढाणी से जुड़े रहेंगे। उनकी दौड़ सिर्फ राजस्थान की सेवा की है। राजस्थान उनके खून में है। जब रिटायर्ड होंगे तो जोधपुर रहेंगे। जोधपुर दिल में बसता है। जोधपुर मेरी प्रयोगशाला है। गहलोत का वह बयान यह भी स्पष्ट करता है कि वे राजस्थान और जोधपुर की राजनीति के पटल से अभी ओझल नहीं हुए हैं।
गहलोत ने कहा था कि वे अब संगठन में लोगों को जोड़ेंगे। हर राज्य, जिला स्तर पर कांग्रेस के बारे में ट्रेनिंग देंगे। नई पीढ़ी व कांग्रेस के बीच दूरी खत्म करेंगे। युवाओं को कांग्रेस व गांधी की के बारे में बताएंगे। राजस्थान में भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा था कि जब उन्हें गुजरात भेजा गया था तो कई कयास लगे थे। वे पहले भी संगठन में रहते दिल्ली से ही मुख्यमंत्री बन कर आए थे। उनका यह बयान उनकी मंशा का दर्पण है। तब उन्होंने कहा था कि वे राजस्थान के हर गांव-ढाणी से जुड़े रहेंगे। उनकी दौड़ सिर्फ राजस्थान की सेवा की है। राजस्थान उनके खून में है। जब रिटायर्ड होंगे तो जोधपुर रहेंगे। जोधपुर दिल में बसता है। जोधपुर मेरी प्रयोगशाला है। गहलोत का वह बयान यह भी स्पष्ट करता है कि वे राजस्थान और जोधपुर की राजनीति के पटल से अभी ओझल नहीं हुए हैं।