न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश अभय चतुर्वेदी की खंडपीठ ने महावीरप्रसाद की ओर से दायर याचिका निस्तारित करते हुए इस आदेश को अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह (Aditional CS Home) को भेजने के निर्देश दिए ताकि वे सभी जिला कलक्टर और जेल अधीक्षकों को इसके लिए पाबंद कर सकें।
दरअसल, याचिकाकर्ता ने आपात पैरोल के लिए आवेदन दिया था, लेकिन बीकानेर जिला कलक्टर ने उसका निस्तारण नहीं किया। हाईकोर्ट के नोटिस पर बीकानेर जिला कलक्टर (Bikaner Distt. Collector) ने चार महीने तक आपात पैरोल के आवेदन का निस्तारण नहीं होने पर बिना शर्त माफी मांगते हुए कहा कि पैरोल सेल ने उनके सामने याचिकाकर्ता का आवेदन प्रस्तुत नहीं किया। जिम्मेदार कार्मिक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है।
इस प्रवृत्ति को गंभीरता से लेते हुए खंडपीठ ने राज्य के सभी जिला कलक्टरों को पैरोल आवेदनों के त्वरित निस्तारण के संबंध में कार्यप्रणाली को दक्ष बनाने के निर्देश दिए हैं, ताकि निर्धारित समय सीमा में आवेदनों का निस्तारण संभव हो सके।
आपात पैरोल के आवेदन को हर हाल में एक सप्ताह में निस्तारित करने को कहा है।