नरेश ने अपने वीडियो रिकॉर्ड में कहा कि झगड़े की शुरुआत सूरतगढ़ में हुई। उसके पास फैमिली परमिशन होने के बावजूद सूरतगढ़ भेज दिया गया। वहां गार्ड कमांडर के साथ झगड़ा हुआ। गार्ड कमांडर के पास राइफल नहीं थी इसलिए झगड़े के दौरान गार्ड कमांडर ने उसके हाथ पर काट खाया। नरेश ने कहा कि जवाब में उसने अपनी कोहनी से गार्ड कमाण्डर की आंख पर मारा, जिसको अधिकारियों ने राइफल की बट से मारना बता दिया। अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि नरेश राइफल लेकर गार्ड कमांडर के पीछे भागा था जबकि सूरतगढ़ में झाड़ियां ही नहीं है। अधिकारियों ने राइफल को कॉक करने का झूठा आरोप लगाया। एक अधिकारी सुरेंद्र द्वारा जांच करने पर राइफल में सभी राउंड सुरक्षित मिले थे। नरेश ने वीडियो में मूछों पर ताव देते हुए कहा कि कहा कि अब उसने राइफल कॉक की है। अब अगर किसी की हिम्मत है तो मेरे सामने आकर दिखाओ। नरेश ने आरटीसी के दो अधिकारी अर्जुन जे और गौरव मनाली पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उसने वीडियो संदेश में कहा कि जब तक ये आरटीसी में रहेंगे, आरटीसी का सुधार नहीं सुधरेगा। उसने कहा कि कुछ अधिकारी शराब मांगते हैं, नहीं देने पर झूठा फंसाते हैं।
गौरतलब है कि जोधपुर में पालड़ी खिचियां स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के रिक्रूट ट्रेनिंग सेेंटर (आरटीसी) में कांस्टेबल नरेश जाट ने सोमवार सुबह 11.35 बजे अपनी असाल्ट राइफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। बीते 17 घण्टे से पुलिस व उसके मध्य समझाइश चल रही थी। गोली लगने से पूरे क्वार्टर में खून ही खून हो गया। नरेश के मांस के चिथड़े बिखर गए। नरेश की पत्नी व 6 साल की बेटी बदहवास होकर यह देखती रही। फिलहाल सीआरपीएफ की ओर से पुलिस में मर्ग दर्ज करवाया गया है।
नरेश पांच दिन से दबाव व परेशानी में था। उसने रविवार शाम 6 बजे अपने आपकाे क्वार्टर में बंद करके उसकी बालकॉनी से हवाई फायर करना शुरू कर दिया। पत्नी व बेटी भी क्वार्टर में ही थे। मौके पर पुलिस पहुंची लेकिन आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं हुई। नरेश के पास तीन मैगजीन थी। पुलिस के कहने पर उसके माता-पिता, परिजन, साथ काम करने वाले मित्र व अधिकारियों ने उससे मोबाइल फोन और लाउड स्पीकर पर काफी समझाइश की। नरेश को मनाने सीआरपीएफ के महानिरीक्षक (प्रशासन) विक्रम सहगल अलुसबह जयपुर से जोधपुर के लिए रवाना हुए। वे रास्ते भर नरेश से अपने मोबाइल से बात करते रहे और समझाइश करते रहे। सुबह साढ़े ग्यारह बजे विक्रम यहां पहुंच गए और नरेश के क्वार्टर वाली बिल्डिंग में मोबाइल से बातें करते-करते दाखिल भी हो गए। वे फस्र्ट फ्लोर पर पहुंचे ही थे कि चौथ मंजिल पर अपने क्वार्टर में नरेश ने खुद को गोली मार ली। गोली की आवाज से चारों तरफ सन्नाटा पसर गया।