जोधपुर

बिलाड़ा क्षेत्र में फिर तीन ब्लैक बक का शिकार, वन्यजीव प्रेमियों में आक्रोश

भावी (जोधपुर). क्षेत्र के रावर गांव में एक पखवाड़े पूर्व हिरण शिकार प्रकरण शांत हो इससे पूर्व अब लांबा गांव के मालकोसनी की सरहद में अज्ञात शिकारियों ने तीन ब्लैक बक का शिकार किया।

जोधपुरOct 16, 2019 / 10:45 am

pawan pareek

बिलाड़ा क्षेत्र में फिर तीन ब्लैक बक का शिकार, वन्यजीव प्रेमियों में आक्रोश

भावी (जोधपुर). क्षेत्र के रावर गांव में एक पखवाड़े पूर्व हिरण शिकार प्रकरण शांत हो इससे पूर्व अब लांबा गांव के मालकोसनी की सरहद में अज्ञात शिकारियों ने तीन ब्लैक बक का शिकार किया। घटनास्थल पर नर ब्लैक बक के खून से लथपथ ताजा कटे चार सींग और एक मादा ब्लैक बक मृत मिलने से वन्यजीव प्रेमियों में रोष व्याप्त हो गया।
ग्रामीण प्यारेलाल विश्नोई ने बताया कि खेतों में मवेशी चरा रहे चरवाहे ने गांव में सूचना दी कि खेतों में हिरणों के सींग व एक मादा हिरण का शव पड़ा है । सूचना पर वन्यजीव प्रेमी व लांबा गांव के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और तत्काल बिलाड़ा वन विभाग रेंजर कैलाश गिरी को सूचना दी। सूचना मिलने पर घटनास्थल पर सहायक वन संरक्षक विकास अरोड़ा व पुलिस थाना बिलाड़ा से थानेदार चैनप्रकाश मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने ग्रामीणों से घटना के बारे में जानकारी ली।
क्षेत्र में दिनोंदिन बढ़ रही वन्यजीव शिकार की घटना को लेकर वन्यजीव प्रेमियों के बढ़ते आक्रोश व मांग को देखते हुए अधिकारियों ने मेडिकल बोर्ड गठित कर घटनास्थल पर बरामद किए हिरण का पोस्टमार्टम करवाया गया ।
घटना स्थल पर वन्यजीव प्रेमी हरिराम मास्टर, प्यारेलाल विश्नोई, श्रवणराम ,फरसाराम भादू ,पप्पाराम ,थानाराम जाखड़, रामस्वरूप, लेखराज सारण, पेमाराम , राजेश सारण, रामदीन व लक्ष्मण मूंद सहित बड़ी संख्या में वन्यजीव प्रेमी व ग्रामीण मौजूद थे। विश्नोई टाइगर्स वन्य एवं पर्यावरण संस्था के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल भवाद ने वनमंत्री सुखराम विश्नोई से जोधपुर जिले के बिलाड़ा के पास लांबा, रावर, विष्णु नगर, ओळवी, बाला व कापरड़ा को अति संवेदनशील घोषित कर शिकार रोकथाम पर प्रभावी अंकुश लगाने की मांग की।
एक पखवाड़े पूर्व रावर में भी हुआ था हिरण का शिकार

उल्लेखनीय है करीब एक एक पखवाड़े पूर्व भावी क्षेत्र के रावर गांव में भी काले हिरण शिकार से आक्रोशित ग्रामीण धरने शिकारियों की गिरफ्तारी एवं शिकार में प्रयुक्त हथियार बरामद नहीं होने तक हिरण का पोस्टमार्टम नहीं होने दिया। उस प्रकरण में हिरण शिकार की चश्मदीद गवाह इंद्रा विश्नोई तो धरना स्थल पर अनशन पर बैठ गई थी। उसकी तबीयत बिगड़ने के बाद प्रशासन हरकत में आया और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। तब कहीं जाकर हिरण का पोस्टमार्टम हुआ।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.