— जूते-चप्पल की सेल से आया आईडिया रोटरी ब्लड बैंक के अध्यक्ष विनोद भाटिया, वर्तमान सहसचिव ओमप्रकाश लोहिया ने करीब सवा साल पहले रोटरी क्लब में अपने दोस्तों के साथ एक बैठक में चर्चा की कि यह भवन जूते-चप्पलों की सेल के लिए काम में आ रहा है। इसका उपयोग जनसेवा के लिए होना चाहिए इसलिए यहां ब्लड बैंक खोलना निश्चित किया गया। इसके लिए 23 लोगों ने अपने स्तर पर 5-5 लाख रुपए देने की सहमति दी। एक माह में ही करीब 1.15 करोड़ रुपए जमा हो गए। ब्लड बैंक के अन्य उपकरणों के लिए रोटरी फ ाउंडेशन से 70 लाख रुपए का सहयोग मिला। ब्लड कैंप लगाने, रक्त लाने- ले जाने के लिए अन्य लोगों की मदद से 27 लाख रुपए की मोबाइल वैन एंबुलेंस की व्यवस्था की गई।
— डेंगू मरीजों के लिए विशेष मशीन रोटरी ब्लड बैंक में डेंगू मरीजों के लिए विशेष मशीन लगाई गई, जो रक्तदाता से लाइव लिए जाने वाले रक्त में से तेज गति से प्लेटलेट्स ही लेती है। इससे डेंगू मरीज को रक्त चढ़ाने से तुरंत कम हो रहे प्लेटलेट्स बढ़ाने में बढ़ोतरी होती है। यह प्लेटलेट्स साधारण रक्त में से निकाले गए प्लेटलेट्स से 5 गुना अधिक मात्रा में होते है जो डेंगू मरीज को जल्दी स्वस्थ करने में सहायक होते है।ब्लड बैंक में उच्च गुणवत्ता वाले उपकरणों से जीवन रक्षक प्लेटलेट्स सिंगल डोनर प्लेटलैट (एसडीपी ) को सुरक्षित रखा जाता है। साथ ही रक्त को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए रोटरी ब्लड बैंक में उच्च स्तरीय मापदंड वाले उपकरण लगाए गए है। ब्लड बैंक की कोष क्षमता 1200 यूनिट रेड ब्लड सेल बैग और 1200 यूनिट फ्रेश फ्रोजन प्लाज्मा बैग रखने की क्षमता है भविष्य में इस क्षमता को 2500 यूनिट तक करने की योजना है।
————- रोटरी ब्लड बैंक में एक वर्ष में कुल 65 केम्प आयोजित किए गए। यहां 90 प्रतिशत रक्त दानदाताओं द्वारा दान के रूप में दिया जाता है। जो समय-समय पर जरूरतमंद लोगों को उपलब्ध कराया जाता है।
डॉ सुरेश मेहता, अध्यक्ष रोटरी क्लब जोधपुर —