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उससे पहले की ये जानलेवा गेम पसारे पैर, कानून के डंडे से खदेड़ा जाए blue whale

locationजोधपुरPublished: Sep 11, 2017 03:20:00 pm

Submitted by:

Vikas Choudhary

कानून के ‘डंडेÓ से ब्ल्यू व्हेल गेम पर रोक संभव – बच्चों की जान बचाने के लिए आईपीसी व आईटी एक्ट के प्रावधान अपनाने की जरूरत..

blue whale game trapped a girl in jodhpur

blue whale game trapped a girl in jodhpur

बच्चों के दिलों दिमाग को काबू में करने के बाद भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल कर आत्महत्या करने की कगार पर पहुंचाने वाला ब्ल्यू व्हेल गेम पांव पसारता जा रहा है। सामान्यतया मारपीट की घटनाओं में भी पुलिस मामले दर्ज करती है, लेकिन बच्चों को आत्महत्या के कगार तक पहुंचाने वाले इस गेम को संचालित करने वालों के खिलाफ अब तक कानूनी कार्रवाई शुरू नहीं की गई है। हालांकि जोधपुर के प्रकरण में पुलिस अपने स्तर पर जांच जरूर कर रही है।
ब्लैकमेल कर धकेलते हैं जान देने के लिए
आईटी विशेषज्ञ प्रिया सांखला ने बताया कि राज्य ही नहीं, देश में ब्ल्यू व्हेल नाम से कई एेप सोशल साइट पर उपलब्ध हैं। इनमें कई डुप्लीकेट भी हैं। इन्हें डाउनलोड करने के बाद ऑपरेट करने वाले की मनोस्थिति भांप लेते हैं। उनसे पारिवारिक जानकारी भी ले लेते हैं और उसके अनुरूप एेसे टास्क दिए जाते हैं, जो ब्लैकमेलिंग की श्रेणी में आते हैं। तब बच्चे एेसी स्थिति में आ जाते हैं कि वो उनके निर्देश पर जान तक देने पहुंच जाते हैं।
आईपीसी के साथ आईटी एक्ट में है प्रावधान

गेम के माध्यम से बच्चों के दिलो-दिमाग को काबू में कर लिया जाता है। कोई बच्चा आत्महत्या करने पहुंच जाता है, तो वह आत्महत्या को उत्प्रेरण करने वाले अपराध की श्रेणी में आता है। एेसे में पुलिस आईपीसी की धारा ३८४, ३०६/१०६ में कार्रवाई कर सकती है। चूंकि यह कृत्य मोबाइल व इंटरनेट के माध्यम से हो रहा है इसलिए उसमें आईटी एक्ट की धारा भी जोड़ी जा सकती है।

मां की जान लेने बचाने खुद की जान देने गई थी छात्रा

मण्डोर के बालसमन्द क्षेत्र निवासी दसवीं कक्षा की छात्रा खतरनाक ब्लू व्हेल गेम का अंतिम टास्क पूरा करने के लिए गत ४ सितम्बर की रात कायलाना झील के पास पहाड़ी पहुंच गई। वह झील में कूद गई थी, लेकिन गोताखोरों ने उसे जीवित बाहर निकाल लिया था। उसने गोताखोरों से कहा था कि उसे अंतिम टास्क पूरा करने दो। गेम के माध्यम से उसे टास्क दिया गया था कि वह पहाड़ी से नहीं कूदी तो उसकी मम्मी मर जाएगी।
षड्यंत्र के समान

सरकार को एेसे गेम प्रतिबंधित करने के लिए प्रयास करने चाहिए। बच्चों की जान पर बन आए वो गेम नहीं षड्यंत्र है। आईपीसी की धाराओं में मामले दर्ज किए जा सकते हैं।
थानाधिकारी, पुलिस स्टेशन, उदय मंदिर

आईटी एक्ट व ब्लैकमेलिंग में दर्ज हों मामले
ब्ल्यू व्हेल गेम बच्चों की जान लेने को उत्प्रेरण है। बच्चों को इसके लिए विवश करने वालों के खिलाफ आईटी एक्ट के साथ ही ब्लैकमेलिंग और आत्महत्या करने को दुष्प्रेरित करने संबंधी आईपीसी की धाराआें में मामले दर्ज किए जाने चाहिए।
सोहनलाल बिश्नोई, अधिवक्ता

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