आईटी विशेषज्ञ प्रिया सांखला ने बताया कि राज्य ही नहीं, देश में ब्ल्यू व्हेल नाम से कई एेप सोशल साइट पर उपलब्ध हैं। इनमें कई डुप्लीकेट भी हैं। इन्हें डाउनलोड करने के बाद ऑपरेट करने वाले की मनोस्थिति भांप लेते हैं। उनसे पारिवारिक जानकारी भी ले लेते हैं और उसके अनुरूप एेसे टास्क दिए जाते हैं, जो ब्लैकमेलिंग की श्रेणी में आते हैं। तब बच्चे एेसी स्थिति में आ जाते हैं कि वो उनके निर्देश पर जान तक देने पहुंच जाते हैं।
मां की जान लेने बचाने खुद की जान देने गई थी छात्रा मण्डोर के बालसमन्द क्षेत्र निवासी दसवीं कक्षा की छात्रा खतरनाक ब्लू व्हेल गेम का अंतिम टास्क पूरा करने के लिए गत ४ सितम्बर की रात कायलाना झील के पास पहाड़ी पहुंच गई। वह झील में कूद गई थी, लेकिन गोताखोरों ने उसे जीवित बाहर निकाल लिया था। उसने गोताखोरों से कहा था कि उसे अंतिम टास्क पूरा करने दो। गेम के माध्यम से उसे टास्क दिया गया था कि वह पहाड़ी से नहीं कूदी तो उसकी मम्मी मर जाएगी।
ब्ल्यू व्हेल गेम बच्चों की जान लेने को उत्प्रेरण है। बच्चों को इसके लिए विवश करने वालों के खिलाफ आईटी एक्ट के साथ ही ब्लैकमेलिंग और आत्महत्या करने को दुष्प्रेरित करने संबंधी आईपीसी की धाराआें में मामले दर्ज किए जाने चाहिए।